
नई दिल्ली। मुंबई 26/11 आतंकी हमले के आरोपी तहव्वुर राणा को राहत प्रदान करते हुए अदालत ने उसके परिवार से बात करने की इजाजत दे दी है। दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने हालांकि एक बार ही फोन कॉल करने की अनुमति दी है। स्पेशल जज जस्टिस चंद्रजीत सिंह ने जेल नियमों के अनुसार और तिहाड़ जेल अधिकारी की निगरानी में तहव्वुर राणा की उसके परिवार से बात कराई जाए। कोर्ट ने राणा की हेल्थ संबंधी विस्तृत रिपोर्ट 10 दिन में मांगी है। जज ने जेल अधिकारियों से इस बारे में भी उनका रुख बताने को कहा है कि क्या जेल मैनुअल के मुताबिक राणा को नियमित फोन कॉल की अनुमति दी जाए।
राणा फिलहाल दिल्ली के तिहाड़ जेल के हाई सिक्योरिटी सेल में बंद है। एनआईए उसे अमेरिका से प्रत्यर्पण करके लाई है। राणा मंबई हमलों के मास्टरमांइड डेविड कोलमेन हेडली का सहयोगी है। उस पर मुंबई हमलों की प्लानिंग में हेडली की मदद करने का आरोप है। मूल रूप से पाकिस्तानी कनाडाई व्यापारी राणा अमेरिका की जेल में बंद था। अमेरिका की सुप्रीम कोर्ट ने 4 अप्रैल को राणा की प्रत्यर्पण रोकने की मांग वाली याचिका खारिज कर दी थी इसके बाद 10 अप्रैल को उसे भारत लाया गया था। राणा को भारत लाने के लिए एनआईए काफी समय से प्रयासरत थी, जिसमें अब उसे सफलता मिल गई।
भारत लाए जाने के बाद कोर्ट ने राणा को 18 दिन के लिए एनआईए की हिरासत में भेजा था। बाद में उसकी रिमांड 12 दिन के लिए और बढ़ा दी थी। एनआईए ने इससे पहले राणा और हेडली की एक चैट का भी खुलासा किया था। मुंबई हमलों में मारे गए आतंकियों को राणा पाकिस्तान का सर्वोच्च सम्मान ‘निशान-ए-हैदर’ दिलाना चाहता था। इससे पहले तहव्वुर राणा ने जेल में पढ़ने के लिए कुरान, पेपर और पेन की डिमांड की थी, जिसे पूरा कर दिया गया था।