नई दिल्ली। बिहार चुनाव में एनडीए को बहुमत मिला और महागठबंधन का सरकार बनाने का सपना धरा का धरा रह गया। ऐसे में अब धीरे-धीरे इस पूरे चुनाव नतीजों पर महागठबंधन के नेता चुनाव आयोग पर निशाना साध रहे हैं। महागठबंधन की तरफ से आज तेजस्वी यादव जो मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार थे उन्होंने विधायकों को संबोधित किया और अपनी सरकार गठना का वादा याद दिलाते हुए कए बार फिर दावा किया कि वह इस हालत में भी सरकार का गठन करेंगे। वहीं कांग्रेस के नेता तारिक अनवर इस बात को पहले ही कह चुके हैं कि तेजस्वी यादव बिहार में सरकार बनाने की जिद छोड़ दें। तारिक अनवर ने अपनी पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के उदासीन रवैये पर भी टिप्पणी की और महागठबंधन के हार के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया। वहीं राजद विधायक दल की बैठक में तेजस्वी यादव को विधायक दल का नेता चुना गया।
महागठबंधन की हार के बाद आज विधायकों को संबोधित करते हुए तेजस्वी यादव ने जदयू-भाजपा पर जबरदस्त हमला किया। गुरुवार को पहली बार महागठबंधन के नेता और राजद के मुख्यमंत्री पद के दावेदार तेजस्वी यादव मीडिया के सामने आए। उन्होंने चुनाव आयोग पर भी निशान साधा। उन्होंने कहा कि छल कपट से सरकार बनाई जा रही है। जनता ने फैसला महागठबंधन के पक्ष में सुनाया लेकिन चुनाव आयोग ने नतीजा एनडीए के पक्ष में सुना दिया।
हार के बाद पहली बार मीडिया के सामने आए तेजस्वी ने कहा कि बीजेपी ने जनादेश को हाईजैक किया है। हम लोग रोने वाले नहीं हैं। हम संघर्ष करने वाले लोग हैं। जनता के बीच जाएंगे। हमने पूरे चुनाव बिहार के मुद्दे को उठाया है। धन बल, छल के बाद भी महागठबंधन को वह वाले रोक नहीं पाए हैं।
इसके साथ ही तेजस्वी नीतीश कुमार पर भी हमलावर नजर आए। उन्होंने नीतीश कुमार को घेरते हुए कहा कि वह नैतिकता और सिद्धांत की बात करते हैं। वह अब जनता के फैसले का सम्मान करें। छल कपट से मिली सीटों के आधार पर सरकार न बनाएं। बिहार ने बदलाव का जनादेश दिया है। नीतीश में नैतिकता है तो कुर्सी छोड़ दें। तेजस्वी ने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री चोर दरवाजे से सत्ता हथियाना चाहते हैं।
तेजस्वी ने इसके साथ ही कहा कि एनडीए लाख कोशिश के बाद भी आरजेडी को सबसे बड़ी पार्टी बनने से रोक नहीं पाई। उन्होंने चुनाव में मिले वोटों का गणित भी समझाया। इसके साथ ही तेजस्वी ने कहा कि चुनाव आयोग के अनुसार ही एनडीए और महागठबंधन को डेढ़ करोड़ से ज्यादा वोट मिले हैं। चुनाव आयोग कहता है कि महागठबंधन को एनडीए से केवल 12270 वोट कम मिले। अगर केवल 12 हजार ही वोट कम मिले तो 15 सीटें कैसे कम हो गईं?
उसके साथ ही वोटों की गिनती के पोस्टल बैलेट की गिनती अंत में कराने पर भी तेजस्वी ने सवाल उठाया। कहा कि पोस्टल बैलेट देने वाले ज्यादातर कर्मचारी और शिक्षक लोग होते हैं। जो जागरुक होते हैं। उन्हें पता होता है कि पोस्टल से मतदान कैसे करना है। इसके बाद भी सैकड़ों पोस्टल बैलेट रद्द कर दिए गए। एक-एक विधानसभा क्षेत्रों में 900-900 वोट रद्द किये गए। उन्होंने कहा कि पोस्टल बैलेट की गिनती पहले होनी चाहिए फिर भी बाद में कराई गई। चुनाव आयोग का साफ निर्देश है कि पोस्टल बैलेट की गिनती पहले होगी। तेजस्वी ने कहा कि तीन बजे तक प्रक्रिया पूरी कर ली गई और रात 11 बजे रिजल्ट सुनाया गया। सर्टिफिकेट तैयार करने के बाद भी नहीं दिये गए।