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अमेरिका के साथ तनाव का भारत से संबंधों पर असर नहीं होगा : ईरानी मंत्री

इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ ईरान के कल्चर व गाइडेंस उप मंत्री डॉ मोहसिन जावादी ने नई दिल्ली में ‘पुस्तक निर्यात बाजार’ पर एक सम्मेलन से इतर आईएएनएस से कहा कि भारत-ईरान के संबंध ईरान के सामने उत्पन्न संकट से स्वतंत्र हैं।

नई दिल्ली। ईरान के एक मंत्री ने रविवार को कहा कि ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (आईआरजीसी) के कमांडर मेजर जनरल कासिम सुलेमानी व अन्य अधिकारियों की अमेरिकी हमले में मारे जाने के बाद अमेरिका के साथ जारी तनाव का असर भारत के साथ संबंधों पर नहीं होगा।Dr. Mohsin jawadi minister iranइस्लामिक रिपब्लिक ऑफ ईरान के कल्चर व गाइडेंस उप मंत्री डॉ मोहसिन जावादी ने नई दिल्ली में ‘पुस्तक निर्यात बाजार’ पर एक सम्मेलन से इतर आईएएनएस से कहा कि भारत-ईरान के संबंध ईरान के सामने उत्पन्न संकट से स्वतंत्र हैं।

उन्होंने अमेरिका का उल्लेख किए बगैर कहा, “हम हमले की निंदा करते हैं। ईरान लंबे समय से खतरों का सामना कर रहा है। हमारी किसी से कोई निजी दुश्मनी नहीं है, लेकिन अगर कोई हम पर हमला करता है, तो हमें पता है कि कैसे जवाब देना है।”Dr. Mohsin jawadi minister iran

भारत-ईरान संबंधों पर उन्होंने कहा कि यह इन सब मुद्दों से ऊपर है।

उन्होंने कहा, “हमारे संबंध बहुत गहरे व परिपक्व हैं। इस हमले से हमारे संबंधों पर कोई असर नहीं पड़ेगा।”

ईरान की मस्जिद पर लहराया गया लाल झंडा, युद्ध का ऐलान?

ईरान के शीर्ष कमांडर जनरल सुलेमानी के मारे जाने के बाद ईरान ने भी अमेरिका से बदला लेने की धमकी दी है। अमेरिका के खिलाफ निकाले गए जुलूस के बाद ईरान के कोम शहर की एक ऐतिहासिक मस्जिद पर लाल झंडा फहराया गया। माना जा रहा है कि ईरान ने भी अमेरिका के खिलाफ युद्ध का ऐलान कर दिया है और यह लाल झंडा बदले और खून का संकेत है।


ईरान ने जनरल की मौत के बाद कहा भी था कि वह अमेरिका से इसका बदला लेगा। बाद में अमेरिकी राष्ट्रपति ने भी धमकी दी कि अगर ईरान की तरफ से हमला किया गया तो अमेरिका भीषण हमला करेगा। ट्रंप ने यह भी कहा कि अमेरिका के पास आधुनिक हथियार हैं जिन्हें ईरान झेल नहीं पाएगा। इससे पहले ट्रंप ने ट्वीट करके कहा था कि अमेरिका ने ईरान में 52 जगहों का चुनाव किया है जहां हमला किया जा सकता है और ईरानी संस्कृति पर प्रहार किया जा सकता है।Iran Red Flag

ईरान ने जामकरन मस्जिद पर यह लाल झंडा फहराया है जो कि कोम शहर में अपना स्थान रखती है। ईरान के स्टेट टेलिविजन ने इसका टेलिकास्ट भी किया। बताया जाता है कि यह झंडा अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने का प्रतीक है। करबला में इमाम हुसैन की हत्या के बाद ऐसा ही झंडा फहराया गया था जो इस बात का संकेत था कि इमाम हुसैन की हत्या का बदला लिया जाएगा।Iran Red Flag

सोशल मीडिया पर ईरान के यूजर्स के मुताबिक यह झंडा एक बड़े फैसले और दृढ़ निश्चय का प्रतीक है। ईरान की सड़कों पर लोग लगातार अमेरिका के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं और बदले की मांग कर रहे हैं।

सुलेमानी का शव बगदाद से ईरान लाया गया

रविवार को सुलेमानी का शव बगदाद से ईरान लाया गया। सुलेमानी की अंतिम यात्रा में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। ट्रंप ने भी 52 ठिकानों पर हमले की धमकी दी है।


दरअसल 1979 में अमेरिकी दूतावास से ईरान ने 52 अमेरिकियों को बंदी बना लिया था। इनको छुड़ाने में अमेरिका को काफी नुकसान उठाना पड़ा था। 52 की उसी संख्या का जिक्र करते हुए ट्रंप ने इस हमले की बात की।