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Election of Congress President: संपन्न हुआ कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव, किसके सिर बंधेगा जीता का सेहरा? जानिए यहां सबकुछ

Election of Congress President: सोमवार को कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव संपन्न हुआ। पार्टी की ओर से बतौर प्रत्याशी मल्लिकार्जुन खड़गे और शशि थरूर को उतारा गया। दोनों के बीच बेहद ही दिलचस्प मुकाबला हुआ है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, कुल 9500 से अधिक डेलिगेट ने वोट डाले। कुल 96 फीसद मतदान हुआ।

नई दिल्ली। परिवारवाद के आरोपों से पस्त हो चुकी देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस ने राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव कराने का फैसला किया तो सियासी गलियारों में चर्चा गोशी का बाजार गुलजार हो गया। बेशक कांग्रेस दावा करे कि वो लोकतंत्र की नौका पर सवार होकर राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव करा रही है, लेकिन दुर्भाग्य देखिए कि इस चुनाव में भी पार्टी खुद को परिवारवाद के आरोपों से महफूज नहीं रख पाई। बीजेपी का कहना है कि कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव महज एक ढकोसला है। सच्चाई तो यह है कि अंदरखाने सबकुछ पहले से ही तय हो चुका है। हालांकि, बीजेपी के इन आरोपों में कितना दम है, यह तो फिलहाल विवेचना का विषय है, किंतु यहां अपिहार्य प्रश्न यह है कि क्या कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व बदलने से पार्टी के दुरूह हालत दुरूस्त होंगे। यह तो फिलहाल भविष्य के गर्भ में निहित है।

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दिलचस्प रहा मुकाबला 

बता दें कि सोमवार को कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव संपन्न हुआ। पार्टी की ओर से बतौर प्रत्याशी मल्लिकार्जुन खड़गे और शशि थरूर को उतारा गया। दोनों के बीच बेहद ही दिलचस्प मुकाबला हुआ है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, कुल 9500 से अधिक डेलिगेट ने वोट डाले। कुल 96 फीसद मतदान हुआ। वहीं, कांग्रेस केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण की ओर से कहा गया है कि चुनाव पूर्णत: शांतिपूर्ण रहा। एआईसीसी की ओर से कुल 87 लोगों ने वोट डाले। महाराष्ट्र में 561 सदस्यों में से 541 डेलिगेट्स ने वोट डाले।

क्या बोलीं सोनिया गांधी

उधर, इस मौके पर कांग्रेस नेता सोनिया गांधी ने कहा कि इस मौके का उन्हें बेसब्री से इंतजार था। राहुल गांधी ने भी उनके सुर में सुर मिलाते हुए कहा कि उन्हें भी इस मौके का बेसब्री से इंतजार था। आज आखिरकार वो मौका आ ही गया। चुनाव भी शांतिपूर्ण हुए। किसी भी प्रकार की अप्रिय घटनाएं धरातल पर नहीं उतरी। ध्यान रहे कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा के बीच में राष्ट्रीय अध्य़क्ष के चुनाव के लिए वोट किया। सबसे पहला वोट चिंदबरम ने किया। इस बीच पार्टी के सभी नेताओं ने राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव पर अपना हर्ष व्यक्त किया। लेकिन, इस बीच कुछ वाजिब सवाल सिर उठाते हुए नजर आ रहे हैं। मसलन, क्या कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व बदलने से पार्टी के दुरूह हालात दुरूस्त होंगे? क्या पार्टी का शीर्ष नेतृत्व बदलने से  जनाधार में किसी भी प्रकार की बढ़ोतरी होगी। अब यह तो फिलहाल आने वाला वक्त ही बताएगा।