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Chandrayaan 3 Landing: चंद्रयान-3 की लैंडिंग की सियासी गलियारों में भी गूंज, जानें किसने क्या कहा?

Chandrayaan 3 Landing: इससे पहले उन्होंने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा था कि इसरो के वैज्ञानिकों को पिछले 17 माह से सैलरी नहीं मिली है, लेकिन आपको बता दें कि जांच के बाद सामने आया कि दिग्विजय द्वारा दिया गया बयान पूरी तरह से झूठ है, जिसमें बिल्कुल भी सत्यता नहीं है।

नई दिल्ली। कहते हैं कि समुद्र की भी सीमा होती है, लेकिन अफसोस अब यह कहने में कोई गुरेज नहीं होना चाहिए कि राजनीति की अपनी कोई सीमा नहीं होती है। राजनीति अब अपनी सभी निर्धारित सीमाओं को लांघ चुकी है। जी हां… अब आप इतना सबकुछ पढ़ने के बाद आप मन ही मन सोच रहे होंगे कि आखिर ऐसा क्या हो गया कि आप ऐसी भूमिकाएं रचाएं जा रहे हैं। आखिर माजरा क्या है। जरा कुछ खुलकर बताएंगे। दरअसल, आपको बता दें कि आज चंद्रयान-3 अपनी लॉन्चिंग के बाद 40 दिनों की निर्धारित यात्रा में से 39 दिनों की यात्रा के बाद आज चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर लैंड करेगा। खास बात यह है कि आज तक दुनिया के किसी भी देश ने चंद्रमा के दक्षिण ध्रुव पर लैंड नहीं किया। अगर ऐसे में भारत ये कारनामा स्थापित करने में सफल रहा तो यह हम सभी के लिए गर्व का पल होगा। चंद्रयाान -3 के सफल लैंडिंग को लेकर देशभर में भक्तिमय माहौल है। कही मंदिरों में पूजा की जा रही है, तो कहीं मस्जिदों में नमाज पढ़ी जा रही है। इसरो के वैज्ञानिक आश्वस्त हैं कि हम अपने मकसद में सफल होंगे।

वहीं, इस बीच इस चंद्रयान -3 को लेकर सियासी गलियारों से प्रतिक्रियाओं का सिलसिला भी शुरू हो चुका है। जिसकी शुरुआत कांग्रेस ने की है। बता दें कि कांग्रेस की ओर से जयराम रमेश ने मोर्चा संभालते हुए नेहरू का हवाला देकर कहा कि, ‘भारत की अंतरिक्ष यात्रा 23 फरवरी, 1962 को INCOSPAR के गठन के साथ शुरू हुई – होमी भाभा और विक्रम साराभाई की दूरदर्शिता के साथ-साथ नेहरू के उत्साही समर्थन के लिए धन्यवाद। समिति में देश भर के प्रमुख वैज्ञानिक संस्थानों के शीर्ष वैज्ञानिक शामिल थे जो सहयोग और टीम वर्क की भावना से एक साथ आए थे। द हिंदू ने पृष्ठ 6 पर INCOSPAR के गठन को कवर किया!

उधर, इससे पहले बीजेपी की ओर पीयूष गोयल ने बयान जारी कहा था कि भारत ने यह साबित कर दिया है कि आसमान में उसके लिए कोई सीमा नहीं है। वहीं, इससे पहले कांग्रेस नेता व मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह का भी बयान सामने आया था जिसमें उन्होंने कहा था कि भारतवासियों को चंद्रयान -3 की सफलता पर गर्व है। यह नेहरू जी का सपना था जिसे बाद में इंदिरा गांधी ने पूरा किया और अब इसे वैज्ञानिकों ने मूर्त रूप देकर साकार किया है।

ध्यान दें कि इससे पहले उन्होंने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा था कि इसरो के वैज्ञानिकों को पिछले 17 माह से सैलरी नहीं मिली है, लेकिन आपको बता दें कि जांच के बाद सामने आया कि दिग्विजय द्वारा दिया गया बयान पूरी तरह से झूठ है, जिसमें बिल्कुल भी सत्यता नहीं है। वहीं,  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी साउथ अफ्रीका से इसरो के वैज्ञानिकों से संपर्क स्थापित कर उनसे बातचीत करेंगे। बता दें कि पीएम अभी ब्रिक्स सम्मेलन में हिस्सा लेने साउथ अफ्रीका पहुंचे हैं, जहां वो विभिन्न समझौते पर हस्ताक्षर कर सकते हैं, जिन्हें जल्द ही जमीन पर उतारने की कवायद शुरू की जाएगी। अफ्रीका के बाद पीएम मोदी ग्रीस यात्रा पर जाएंगे।