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Delhi MCD Bill: ‘MCD लेते-लेते कहीं गायब न हो जाए दिल्ली सरकार’, जानिए राज्यसभा में अमित शाह ने क्यों कही ऐसी बात

Delhi MCD Bill: अमित शाह ने दिल्ली नगर निगम संशोधन बिल पेश किया। यह बिल दिल्ली के तीनों नगर नगम के एकीकरण का बिल है। एमसीडी के एकीकरण के विधेयक पर संसद की मुहर लग गई। बिल पेश करते हुए अमित शाह ने आम आदमी पार्टी पर दिल्ली नगर निगमों के साथ सौतेली मां जैसा व्यवहार करने का आरोप लगाया।

नई दिल्ली। मंगलवार को गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली नगर निगम संशोधन बिल (Delhi Municipal Corporation (Amendment) Bill, 2022) पेश किया। यह बिल दिल्ली के तीनों नगर नगम के एकीकरण का बिल है। एमसीडी के एकीकरण के विधेयक पर संसद की मुहर लग गई। बिल पेश करते हुए अमित शाह ने आम आदमी पार्टी पर दिल्ली नगर निगमों के साथ सौतेली मां जैसा व्यवहार करने का आरोप लगाया। वहीं राज्यसभा में विधेयक का विरोध करते हुए जहां आम आदमी पार्टी ने इसकी वजह मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की लोकप्रियता का डर करार दिया। अमित शाह ने गुजरात की कहावत का एक उदाहरण देते हुए कहा कि एमसीडी लेते-लेते कहीं दिल्ली की सरकार ही नहीं चली जाए, इसकी चिंता करना। शाह ने केजरीवाल सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि एमसीडी को नहीं दिल्ली की जनता को प्रताड़ित करना बंद कीजिए।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नगर निगमों के विभाजन के संभावित कारणों पर चर्चा करते हुए कहा कि 10 वर्ष पहले दिल्ली नगर निगम को तीन निगमों- उत्तर, दक्षिण और पूर्वी नगर निगमों में बांट दिया गया था, लेकिन इस फैसले के पीछे की मंशा अभी तक स्पष्ट नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि निगमों के बंटवारे के बारे में तत्कालीन सरकार की मंशा के बारे में कुछ पता नहीं चला।


लोकसभा में पहले ही पास चुके विधेयक पर राज्यसभा में बहस के दौरान सभी पार्टियों ने राजनीति साधने की कोशिश की। कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी पार्टियों ने सरकार पर हार के डर से MCD के एकीकरण की आड़ में चुनाव टालने का आरोप लगाया और इसे देश के संघीय ढांचे के खिलाफ बताया। वहीं, विधेयक पर चर्चा करते हुए गृह मंत्री ने कहा कि तीनों निगमों के बीच नीतियों के रूप में समानता लाना बहुत जरूरी है। कार्मिकों की सेवा की शर्तों के लिए भी समानता जरूरी है। आर्थिक संसाधन की प्राप्ति और उनके दायित्वों के बीच भी संतुलन बनाना जरूरी है, और ये तभी हो सकता है जब इन निगमों को एक किया जाए।