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UCC: यूसीसी के खिलाफ मस्जिदों में लगाए गए क्यू आर कोड, स्कैन करते ही हो जाएगा ये काम, और फिर…!

समान नागरिक संहिता में सभी के लिए एक समान कानून होंगे और सभी उस कानून को मानने के लिए बाध्य होंगे। समान नागरिक संहिता में शादी, तलाक, गोद लेना सहित अन्य गतिविधियों के लिए एक समान कानून निर्धारित किए गए हैं।

नई दिल्ली। इन दिनों देश में समान नागरिक संहिता को लेकर चर्चाओं का बाजार गुलजार है। कोई इसका विरोध कर रहा है, तो कोई समर्थन। कोई इसे अहितकर बता रहा है, तो कोई हितकर। कोई इसकी खूबियां बताने में मशगूल है, तो कोई खामियां, लेकिन सरकार ने अपनी मंशा स्पष्ट कर दी है कि इसे किसी भी कीमत पर लागू किया जाएगा। बीते दिनों उत्तराखंड सरकार यूसीसी को लेकर मसौदा भी लेकर आई थी, जिसे अब जल्द ही जमीन पर उतारने की कवायद शुरू की जाएगी। वहीं, मुस्लिम समुदाय की ओर से भी लगातार यूसीसी का विरोध किया जा रहा है, जिसे लेकर अब एक बड़ी खबर सामने आ रही है।

UCC Congress

मुस्लिमों के संगठन मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने यूसीसी का विरोध करने के लिए एक अलग तरीका अख्तियार किया। दरअसल, यूसीसी का विरोध करने के बाबत मस्जिदों में क्यू आर कोड लगाए गए हैं। जिसमें नो यूीसीसी आर लिखा हुआ है। बता दें कि इस कोड को फोन से स्कैन करते ही एक ऑटोमेटिक मेल बन जाएगा, जो कि सीधा विधि आयोग को पहुंच जाएगा, जिससे मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का विरोधी बयान विधि आयोग स्वत: दर्ज कर लेगा। वहीं, अब कुछ लोगों के द्वारा इस क्यू आर कोर्ड को प्रचारित करने की कोशिश की जा रही है। कोई मोबाइल पर स्टेटस लगाकर इसे प्रचारित कर रहा है, तो कोई फेसबुक पर पोस्ट के रूप में साझा करके, लेकिन आपको बता दें कि बीते दिनों मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड यूसीसी पर आपत्ति संबंधि दस्तावेज विधि आयोग को भेज चुका है, जिसमें संगठन की ओर से स्पष्ट किय़ा जा चुका है कि आखिर यूसीसी का विरोध मुस्लिम समुदाय द्वारा व्यापक स्तर पर क्यों किया जा रहा है। ध्यान दें कि विधि आयोग ने यूसीसी पर विभिन्न पक्षकारों को अपनी राय साझा करने का आगामी 15 जुलाई तक वक्त दिया है, लेकिन अब खबर है कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की ओर से इस मियाद को 6 माह तक बढ़ाने की मांग की गई है।

बता दें कि समान नागरिक संहिता में सभी के लिए एक समान कानून होंगे और सभी उस कानून को मानने के लिए बाध्य होंगे। समान नागरिक संहिता में शादी, तलाक, गोद लेना सहित अन्य गतिविधियों के लिए एक समान कानून निर्धारित किए गए हैं। यूसीसी लागू होने से पूर्व सभी अपने धार्मिक पुस्तकों के आधार पर निर्धारित किए गए कानूनों के अनरूप चलते थे, लेकिन यूसीसी लागू होने के बाद सभी धर्मों के लिए कुछ विशेष सामाजिक क्रियाओं के लिए एक समान कानून होंगे, जिसे समान नागरिक संहिता का नाम दिया गया है।