
नई दिल्ली। मणिपुर में भारतीय सेना की क्षमताओं को लेकर राहुल गांधी के बयान के बाद कांग्रेस और बीजेपी के बीच जुबानी जंग छिड़ गई है। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के ताजा बयान से विवाद और गहरा गया है। 9 अगस्त को विश्वास मत पर चर्चा के दौरान, वायनाड से सांसद राहुल गांधी ने लोकसभा में कहा कि भारतीय सेना एक दिन के भीतर मणिपुर में स्थिति को नियंत्रण में ला सकती है। इस बयान पर भाजपा नेताओं ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की और उनकी टिप्पणी की आलोचना की। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने मीडिया से कहा कि सेना दिए गए परिदृश्य में व्यापक समाधान नहीं दे सकती है और केवल अस्थायी शांति ला सकती है, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि स्थायी समाधान के लिए केवल बल से अधिक की आवश्यकता होती है।
इसके जवाब में कांग्रेस पार्टी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक पुराना ट्वीट शेयर किया, जो उनके प्रधानमंत्री पद संभालने से पहले का है। इस ट्वीट का उपयोग नागरिकों के खिलाफ सेना का उपयोग करने पर मोदी के रुख में बदलाव को उजागर करने के लिए किया गया था। इस कदम से भाजपा और हिमंत बिस्वा सरमा की ओर से जवाबी प्रतिक्रिया शुरू हो गई, जिन्होंने शाह परिवार पर नागरिकों के खिलाफ सेना को तैनात करने और हिंसा का सहारा लेने का इतिहास रखने का आरोप लगाया।
Here is the full statement of @himantabiswa
He said, ” Army can solve the Manipur issue temporarily, not permanently as army can’t shoot civilians. Solution should comes from the heart, not from the bullets.”I think @assampolice should file a case for this fake news. https://t.co/OaXe4bnkrR pic.twitter.com/TZGzsJxMge
— Vijay Patel🇮🇳 (@vijaygajera) August 12, 2023
इस ताजा बयानबाजी ने देश के भीतर आंतरिक सुरक्षा और शांति बनाए रखने में सेना की भूमिका को लेकर चल रही बहस को तेज कर दिया है। राहुल गांधी के बयान ने जहां विवाद खड़ा कर दिया, वहीं आंतरिक मामलों को सुलझाने में सैन्य बल के इस्तेमाल के जटिल मुद्दे पर भी ध्यान आकर्षित करने का काम किया।