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UP: स्‍वावलंबन कैंप में विभिन्‍न योजनाओं से जुड़े हजारों आवेदन हुए स्‍वीकृत, सशक्‍त हो रहीं महिलाएं

महिला कल्‍याण विभाग के निदेशक मनोज राय ने बताया कि प्रदेश सरकार ने मिशन शक्ति जैसे वृहद अभियान की शुरूआत कर महिलाओं के कदमों को विकास पथ पर बढ़ाने का कार्य किया है। राज्य सरकार महिलाओं की सुरक्षा, सम्‍मान और सशक्तीकरण के लिए संकल्पित है। जिसके तहत सकारात्मक परिणाम देखने को मिले हैं।

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में वृहद मिशन शक्ति अभियान के तीसरे चरण के तहत अब तक छह से अधिक स्‍वावलंबन कैंपों का आयोजन किया जा चुका है। इसमें प्रदेश की महिलाओं बेटियों को सरकार की स्वर्णिम योजनाओं से जोड़ा जा रहा है। स्वावलंबन कैंप में निराश्रित महिला पेंशन योजना, मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना, मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना समेत दूसरी अन्य योजनाओं की जानकारी दी जा रही है। साथ ही योजनाओं के आवेदन भी एक ही छत के नीचे स्‍वीकार किए जा रहे हैं। यह अपने आप में एक अनोखा प्रयास है जहां आवेदनकर्ता, सत्यापन अधिकारी तथा अनुमोदन अधिकारी ने एक मंच पर इकठ्ठा होकर प्रक्रिया को एक दिन में पूरा कर रहे हैं।

देश के दूसरों प्रदेशों से इतर मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने प्रदेश के पात्र लोगों तक लाभ पहुंचाने के लिए अनूठी पहल की है। मिशन शक्ति के तीसरे चरण के तहत एक छत के नीचे न्‍याय, त्‍वरित कार्रवाई और नई योजनाओं से जुड़े आवेदन को स्‍वीकृत किया जा रहा है। महिला कल्‍याण विभाग की ओर से महिलाओं व बच्‍चों को जागरूक करने के साथ ही योजनाओं से उनको सीधे तौर पर जोड़ने का कार्य किया जा रहा है।

महिला कल्‍याण विभाग के निदेशक मनोज राय ने बताया कि प्रदेश सरकार ने मिशन शक्ति जैसे वृहद अभियान की शुरूआत कर महिलाओं के कदमों को विकास पथ पर बढ़ाने का कार्य किया है। राज्य सरकार महिलाओं की सुरक्षा, सम्‍मान और सशक्तीकरण के लिए संकल्पित है। जिसके तहत सकारात्मक परिणाम देखने को मिले हैं।

स्‍वावलंबन कैंप के तहत जुड़े हजारों नए लाभार्थी
स्‍वावलंबन कैंप के तहत कन्‍या सुमंगला योजना के लिए 22,710 आवेदन आए जिसमें 12,112 आवेदनों को स्‍वीकार किया गया। निराश्रित महिला पेंशन योजना के तहत 9,124 आवेदन आए जिसमें 3,467 आवेदनों को स्‍वीकार किया गया। मुख्‍यमंत्री बाल सेवा योजना के तहत 2,165 आवेदन आए जिसमें 713 स्‍वीकृत किए गए। इसके साथ ही मुख्‍यमंत्री बाल सेवा योजना (सामान्‍य) के लिए 2,227 आवेदन आए जिसमें 486 को स्‍वीकार किया जा चुका है।