नई दिल्ली। राजस्थान के कोटपुतली में दिल दहला देने वाली घटना में बोरवेल में गिरी तीन साल की मासूम चेतना जिंदगी की जंग हार गई। बुधवार को 220 घंटे के लंबे रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद बच्ची को बाहर निकाला गया, लेकिन अस्पताल में डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। अब पोस्टमार्टम के बाद मौत के सही कारण का पता चल सकेगा। घटना कोटपुतली के बड़ियाली गांव की है, जहां 23 दिसंबर को चेतना खेलते-खेलते बोरवेल में गिर गई थी। जैसे ही यह खबर फैली, प्रशासन हरकत में आया और तत्काल रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया।
10 दिन चला रेस्क्यू ऑपरेशन
चेतना को बचाने के लिए प्रशासन, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमों ने मिलकर दिन-रात मेहनत की। 10 दिनों तक चले इस ऑपरेशन में फायर ब्रिगेड, जेसीबी और नगर परिषद के कर्मचारी भी शामिल रहे। मौके पर कोटपुतली के एसपी, एएसपी, डीएसपी और तीन थानों के थानाधिकारी लगातार निगरानी कर रहे थे।
WATCH | कोटपूतली: बोरवेल में फंसी चेतना को बाहर निकाला गया, बच्ची को जिला अस्पताल ले जाया गया
◆ 23 दिसंबर की मासूम बच्ची चेतना खेलते समय बोरवेल में गिर गई थी#BreakingNews #RajasthanNews #KotputliNews #KotputliBorewellAccident #KotputliBorewellRescue pic.twitter.com/EtA5LR96sq
— Times Now Navbharat (@TNNavbharat) January 1, 2025
अस्पताल पहुंचते ही मृत घोषित
अस्पताल के चिकित्सा अधिकारी चैतन्य रावत ने बताया कि चेतना के लिए अलग से बेड तैयार किया गया था, लेकिन अस्पताल पहुंचने के बाद डॉक्टरों ने उसे मृत पाया। बच्ची के शव का पोस्टमार्टम किया जा रहा है, जिसके बाद ही यह स्पष्ट हो पाएगा कि चेतना की मौत कब और कैसे हुई।
नहीं बच पाई चेतना! कोटपुतली में दस दिनों से बोरवेल में फंसी बच्ची को निकाल लिया गया है… उसे सीधे अस्पताल लेकर पहुंचे हैं…#chetna #Kotputli #Jaipur #kotputliborewellrescue #KotputliNews
— Kuldeep Sharma (@Kuldeepsharmap) January 1, 2025
एक महीने में दूसरी दर्दनाक घटना
गौरतलब है कि यह एक महीने में राजस्थान में दूसरी घटना है, जहां बोरवेल में गिरने से मासूम की जान गई है। इससे पहले दौसा जिले में पांच साल के आर्यन की भी बोरवेल में गिरने से मौत हो गई थी। यह घटना एक बार फिर प्रशासन और आमजन के लिए एक बड़ा सवाल खड़ा करती है। खुले बोरवेल और उनकी सुरक्षा व्यवस्था को लेकर ठोस कदम उठाए जाने की जरूरत है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।