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Arvind Kejriwal And Delhi Assembly Election: तीसरी बार दिल्ली में आम आदमी पार्टी की पूर्ण बहुमत की सरकार बनाना चाहते हैं अरविंद केजरीवाल, लेकिन कठिन चुनौतियों से है सामना

Arvind Kejriwal And Delhi Assembly Election: दिल्ली विधानसभा चुनाव फरवरी 2025 में होने वाले हैं। माना जा रहा है कि चुनाव आयोग 7 या 8 जनवरी को दिल्ली विधानसभा चुनाव की तारीखों का एलान कर सकता है। दिल्ली में विधानसभा की 70 सीट हैं। यानी बहुमत के लिए यहां 36 सीट पर जीत हासिल करना जरूरी है। साल 2015 और 2020 में दिल्ली विधानसभा चुनाव का चुनाव अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी ने एकतरफा जीता था। इस बार तमाम चुनौतियां उनके सामने खड़ी हैं।

नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव फरवरी 2025 में होने वाले हैं। माना जा रहा है कि चुनाव आयोग 7 या 8 जनवरी को दिल्ली विधानसभा चुनाव की तारीखों का एलान कर सकता है। दिल्ली में विधानसभा की 70 सीट हैं। यानी बहुमत के लिए यहां 36 सीट पर जीत हासिल करना जरूरी है। साल 2020 में दिल्ली विधानसभा चुनाव का चुनाव अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी ने एकतरफा जीता था। पिछली बार दिल्ली विधानसभा चुनाव में केजरीवाल की पार्टी ने 62 सीट पर जीत हासिल की थी। जबकि, बीजेपी को 8 सीट पर जीत मिली थी। कांग्रेस का कोई भी प्रत्याशी नहीं चुना गया था। इससे पहले 2015 के दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजों में अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी को एकतरफा 67 सीट पर जीत मिली थी। जबकि, बीजेपी को सिर्फ 3 सीट हासिल हुई थी।

इससे पहले 2013 में भी दिल्ली विधानसभा के चुनाव हुए थे। तब अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी को 28 सीट मिली थीं। बीजेपी 32 सीट जीतकर सबसे बड़े दल के रूप में उभरी थी। कांग्रेस को 8 दिल्ली विधानसभा चुनाव में 8 सीट पर ही जीत मिली थी। अरविंद केजरीवाल को उस वक्त कांग्रेस ने बाहर से समर्थन दिया था और आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में सरकार बनाई थी, लेकिन 28 दिसंबर 2013 को बनी सरकार 49 दिन बाद 14 फरवरी 2014 को अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे के साथ ही गिर गई थी। इसके बाद दिल्ली में 1 साल राष्ट्रपति शासन रहा और फिर 2015 में विधानसभा के चुनाव कराए गए।

BJP Congress

अरविंद केजरीवाल अब लगातार तीसरी बार बहुमत से दिल्ली में सरकार बनाने की इच्छा रखते हैं, लेकिन इस बार केजरीवाल और उनकी आम आदमी पार्टी के सामने बड़ी चुनौती है। एक तरफ बीजेपी ने उनकी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। पीएम नरेंद्र मोदी ने तो आम आदमी पार्टी को ‘आपदा’ कह दिया है। वहीं, अब तक अरविंद केजरीवाल की सहयोगी रही कांग्रेस भी ताल ठोक रही है। कैलाश गहलोत जैसे वरिष्ठ नेता ने भी अरविंद केजरीवाल का साथ छोड़ बीजेपी का दामन थाम लिया है। अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया समेत आम आदमी पार्टी से जुड़े लोगों पर कथित शराब घोटाला का आरोप है। वहीं, बीजेपी ने शीशमहल का नाम लेकर अरविंद केजरीवाल को घेर रखा है। यमुना की सफाई, कूड़े के ढेर और दिल्ली के कई इलाकों में सड़कों की दुर्दशा को भी बीजेपी और कांग्रेस मुद्दा बना रही हैं। वहीं, अरविंद केजरीवाल ने गलत पानी के बिल माफ करने, महिलाओं की सम्मान योजना और संजीवनी योजना का एलान कर अपने पक्ष में माहौल बनाए रखने की कोशिश की है। उधर, कांग्रेस भी 5 गारंटी का एलान करने वाली है। जिसमें वो महिलाओं को हर महीने 3100 रुपए देने का वादा भी कर सकती है। बीजेपी कह रही है कि वो जीती, तो मुफ्त बिजली और पानी के साथ महिलाओं को मुफ्त यात्रा की सुविधा जारी रखेगी। साथ ही बीजेपी अपने संकल्प पत्र में महिलाओं और बुजुर्गों के लिए हर महीने धनराशि देने का भी एलान कर सकती है।