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Mamata Vs Congress: बंगाल में विपक्षी एकता की राह में अटका रोड़ा!, ममता की पार्टी और कांग्रेस के बीच टकराव बढ़ा

विपक्षी दलों के बीच 2024 के लोकसभा चुनाव में एकता की बातें हो रही हैं। नीतीश कुमार से लेकर शरद पवार जैसे तमाम दिग्गज विपक्षी नेता इस कोशिश में लगे हैं। फिर भी विपक्ष की इस एकता की राह में रोड़े ही रोड़े अटके दिख रहे हैं। ओडिशा के अलावा अब बंगाल में विपक्ष की एकता बिखरती नजर आ रही है।

नई दिल्ली। विपक्षी दलों के बीच 2024 के लोकसभा चुनाव में एकता की बातें हो रही हैं। नीतीश कुमार से लेकर शरद पवार जैसे तमाम दिग्गज विपक्षी नेता इस कोशिश में लगे हैं। फिर भी विपक्ष की इस एकता की राह में रोड़े ही रोड़े अटके दिख रहे हैं। बीते दिनों ओडिशा के सीएम और बीजेडी अध्यक्ष नवीन पटनायक ने साफ कह दिया कि तीसरे मोर्चे की कोई बात नहीं है। वहीं, पश्चिम बंगाल की सीएम और टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी ने शर्त रख दी कि कांग्रेस अगर क्षेत्रीय दलों का उनके दबदबे वाले राज्यों में समर्थन करे, तो देश की सबसे पुरानी पार्टी को भी समर्थन दिया जा सकता है।

Adhir Ranjan Chowdhury
कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी भी पश्चिम बंगाल से आते हैं।

ममता के इसी बयान के बाद कांग्रेस के दिग्गज और लोकसभा में नेता विपक्ष अधीर रंजन चौधरी ने पलटवार कर दिया। अधीर ने ममता को ऐसे निशाने पर लिया कि अब टीएमसी भी पलटवार करती नजर आ रही है। टीएमसी के राष्ट्रीय प्रवक्ता मोहम्मद तौसीफ रहमान ने अधीर रंजन पर मंगलवार को जोरदार निशाना साधा। उन्होंने कहा कि अधीर रंजन को कुछ बोलने से पहले राहुल गांधी से मंजूरी लेनी चाहिए। उनको कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से चर्चा करनी चाहिए और फिर फैसला करना चाहिए।

इससे एक दिन पहले अधीर रंजन चौधरी ने कहा था कि ममता बनर्जी को लग गया है कि बगैर कांग्रेस की मदद लिए पश्चिम बंगाल में उनको चुनाव जीतने में दिक्कत होगी। अधीर रंजन ने कहा था कि हम भी जहां पाएंगे, वहां चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने ये भी कहा था कि ममता बनर्जी ने कभी कर्नाटक में कांग्रेस के उम्मीदवारों को जिताने के लिए कोई अपील तक नहीं की। सुनिए, अधीर रंजन ने क्या कहा था।

बता दें कि कर्नाटक चुनाव से पहले ममता बनर्जी ने कहा था कि राहुल गांधी तो बीजेपी और पीएम नरेंद्र मोदी की टीआरपी बढ़ाते हैं। ममता इससे पहले भी कांग्रेस पर कई बार हमलावर रही हैं। पश्चिम बंगाल में कांग्रेस ने ममता की पार्टी के खिलाफ सीपीएम से हाथ मिला रखा है। इसी वजह से ममता और कांग्रेस के बीच छत्तीस का आंकड़ा है। अब वही पुरानी जंग बंगाल में विपक्षी एकता की राह में बड़ा रोड़ा साबित होती दिख रही है।