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West bengal: बंगाल में जीत के बाद टीएमसी का रक्त चरित्र, बम, बंदूक और एफआईआर से बदला!

West bengal: ममता बनर्जी सुवेंदु अधिकारी के हाथों नंदीग्राम में मिली शर्मनाक हार को अब तक भुला नही सकी हैं। उन्होँने यास तूफान के दौरान पीएम के साथ हुई बैठक में भी सुवेंदु की मौजूदगी पर ऐतराज़ किया था। इस गुस्से में उन्होंने न सिर्फ पीएम को इंतजार कराया बल्कि उनके हाथों में कुछ कागजात सौंपकर चलती बनी।

नई दिल्ली। बंगाल में टीएमसी खुलकर अराजकता पर उतर आई है। बीजेपी नेताओं से चुन चुनकर बदला लिया जा रहा है। बीजेपी कार्यकर्ताओं पर जानलेवा हमले जारी हैं। कई कार्यकर्ता और समर्थक जान से हाथ धो चुके हैं। इसी कड़ी में कल रात कोलकाता में हेस्टिंग्स के बीजेपी दफ्तर के नजदीक क्रूड बमों की खेप पाई गई।

Mamta Banerjee

ये बम बेहद ही घातक हो सकते थे। ये वही बीजेपी दफ्तर है जहां बीजेपी के शीर्ष नेता चुनाव के दौरान डटे रहे। यहीं से रणनीति तैयार की जाती थी और उसके क्रियान्वयन की रुपरेखा तय की जाती थी। गनीमत रही कि आर्मी इंटेलीजेंस ने समय रहते कोलकाता पुलिस से इनकी शिकायत कर दी वरना कुछ भी हो सकता था। कोलकाता पुलिस के एंटी राउडी सेक्शन ने बीजेपी कार्यालय के पास हेस्टिंग्स क्रॉसिंग इलाके से 51 बम बरामद किए। इन्हें फलों की टोकरी में रखा गया था।

mamta banerji

जिस जगह ये बम मिले हैं वहां से भाजपा दफ्तर की दूरी महज 100 मीटर है। ये मामला इसलिए भी संगीन हो जाता है कि ये घटना एक बेहद ही वीआईपी और सुरक्षा वाले इलाके में घटित हुई है। टीएमसी सरकार के राज में सिलसिलेवार इस तरह की घटना का होना साफ संकेत देता है कि अपराधियों को खुली छूट दी गई है। बदलापुर के इसी कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए बंगाल पुलिस ने टीएमसी की शिकायत पर बीजेपी नेता सुवेंदु अधिकारी और उनके भाई के खिलाफ FIR दर्ज की है। आरोप लगाया गया है कि उन्होंने नगरपालिका से राहत सामग्री चुराई है। 29 मई 2021 की इस कथित घटना का ब्योरा जानकर आप हैरान रह जाएंगे। जिस राहत सामग्री को छीनने का अधिकारी ब्रदर्स पर आरोप है, उसकी कीमत महज एक लाख रुपए है।

Mamta modi

बदले की भावना से की जा रही इन कार्यवाहियों का एक बड़ा सबूत विधान सभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी के करीबी राखल बेरा की गिरफ्तारी ने दिया। राखल बेरा को दो साल पुराने एक कथित मामले में अब गिरफ्तार किया गया है। पिछली टीएमसी सरकार में सुवेंदु अधिकारी सिंचाई और जलमार्ग मंत्री थे। आरोप लगाया गया है कि उस समय राखल बेरा ने सिंचाई और जलमार्ग मंत्रालय में फर्जी नौकरी का झांसा देकर लोगों को ठगा था। आरोप के मुताबिक बोरा ने नौकरी का झांसा देकर 2 लाख रुपये लिए लेकिन नौकरी नहीं लगवाई। साल 2019 की इस कथित घटना का बदला साल 2021 में लिया जा रहा है।

Bengal Violence

ममता बनर्जी सुवेंदु अधिकारी के हाथों नंदीग्राम में मिली शर्मनाक हार को अब तक भुला नही सकी हैं। उन्होँने यास तूफान के दौरान पीएम के साथ हुई बैठक में भी सुवेंदु की मौजूदगी पर ऐतराज़ किया था। इस गुस्से में उन्होंने न सिर्फ पीएम को इंतजार कराया बल्कि उनके हाथों में कुछ कागजात सौंपकर चलती बनी। सूत्रोँ के मुताबिक पश्चिम बंगाल पुलिस और प्रशासन को उपर से इस बात के निर्देश हैं कि बीजेपी के नेताओं और कार्यकर्ताओं के खिलाफ कार्यवाही जारी रहनी चाहिए। सुवेंदु अधिकारी खासतौर पर ममता के निशाने पर हैं।