नई दिल्ली। आज ही के दिन तीन तलाक के खिलाफ कानून बना था। इस कानून के दो साल पूरे होने के उपलक्ष्य में देश में ‘मुस्लिम महिला अधिकार दिवस’ मनाया जाएगा। देश भर के अलग-अलग संगठन आज इस दिन को ‘मुस्लिम महिला अधिकार दिवस’ के रूप में मनाएंगे। इसी खास मौके पर आज केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी के घर पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया है जिसमें मुस्लिम महिलाएं के साथ ही केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के साथ ही केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव मौजूद रहेंगे।
BJP ने 2019 के मेनिफेस्टो में कहा था कि तीन तलाक को खत्म करेंगे और 1 अगस्त 2019 में तीन तलाक के खिलाफ कानून बनाया गया। इसके साथ ही बिना मेहरम के मुस्लिम महिला का हज पर जाने पर बंदिश थी इसे मोदी सरकार ने खत्म किया: मुस्लिम महिला अधिकार दिवस पर केंद्रीय मंत्री मुख़्तार अब्बास नक़वी pic.twitter.com/wWrFh5qWqU
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 1, 2021
पीएम मोदी ने जो कहा वो किया- नकवी
सफदरजंग रोड पर स्थित मुख्तार अब्बास नकवी के घर पर हो रहे इस कार्यक्रम को केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के साथ ही केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव महिलाओं को संबोधित करेंगें। घर पर हो रहे इस कार्यकर्म को लेकर नकवी ने ट्विटर पर लिखा, ”प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो कहा वो किया.. “तीन तलाक कानून” मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक की “क्रिमिनल कुप्रथा” के चंगुल से निकाल कर उनके “आत्म निर्भरता, आत्म सम्मान, आत्म विश्वास” को पुख्ता करने वाला ऐतिहासिक कदम साबित हुआ है. #MuslimWomenRightsDay”
आज मुस्लिम महिला के संघर्ष को सलाम करने का दिन है जिसने कानून होने और कानून न होने पर काफी संघर्ष किया। लेकिन ये संघर्ष किसी और न करना पड़े इसलिए हमें सावधानी रखनी पड़ेगी। देश में मुद्रा योजना 17करोड़ 60लाख महिलाओं को मिला:मुस्लिम महिला अधिकार दिवस पर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी pic.twitter.com/5T4IL5kunS
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 1, 2021
तीन तलाक के मामल हुए कम- नकवी
इस दौरान नकवी ने ये भी कहा कि सरकार द्वारा बनाए गए इस कानून के बाद मुस्लिम महिलाओं को इससे फायदा हुआ। तीन तलाक के मामलों में कमी भी देखने को मिली। महिलाओं का इस कानून के आने के बाद संवैधानिक एवं लोकतांत्रिक अधिकार सुनिश्चित हुआ। गौरतलब है कि जुलाई 2019 में संसद के दोनों सदनों से मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक पारित हुआ था। जिसके बाद एक अगस्त, 2019 को इसे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मंजूरी दी थी। राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद ये कानून अस्तित्व में आया था।