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Lalu Yadav In Dock: जमीन लेकर रेलवे की नौकरी देने के घोटाले में लालू यादव, पत्नी राबड़ी और बेटी मीसा मुश्किल में, कोर्ट ने दिया ये आदेश

इस मामले में लालू, राबड़ी और मीसा समेत 14 आरोपी हैं। लालू यादव साल 2004 से 2009 तक यूपीए की पहली सरकार के दौरान रेल मंत्री थे। नौकरी देने के बदले जमीन लेने का मामला उसी दौर का है। आरोप है कि लालू ने राबड़ी देवी और मीसा भारती के नाम पर भी जमीन ली।

नई दिल्ली। बिहार के पूर्व सीएम लालू यादव, उनकी पत्नी और पूर्व सीएम राबड़ी देवी और बेटी मीसा भारती की मुश्किल बढ़ती जा रही है। जमीन लेकर नौकरी देने के आरोप में दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट ने 15 मार्च को लालू, राबड़ी और मीसा समेत इस मामले के सभी आरोपियों को पेश होने के लिए समन जारी किया है। सीबीआई के विशेष कोर्ट ने इस मामले में जांच एजेंसी की तरफ से दाखिल चार्जशीट का संज्ञान लेते हुए सोमवार को सभी आरोपियों को समन जारी किया है। आरोप ये है कि जब लालू यादव रेल मंत्री थे, तब लोगों से उनकी जमीन अपने नाम लिखवाकर नौकरी दी गई। इसे आम तौर पर आईआरसीटीसी घोटाला के नाम से जाना जाता है।

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इस मामले में लालू, राबड़ी और मीसा समेत 14 आरोपी हैं। लालू यादव साल 2004 से 2009 तक यूपीए की पहली सरकार के दौरान रेल मंत्री थे। नौकरी देने के बदले जमीन लेने का मामला उसी दौर का है। आरोप है कि लालू ने राबड़ी देवी और मीसा भारती के नाम पर भी जमीन ली। सीबीआई के मुताबिक ये सारा खेल रेलवे के कुछ अफसरों के साथ साठगांठ कर खेला गया। सीबीआई ने चार्जशीट में बताया है कि लालू परिवार के नाम पर पटना में ही 1 लाख वर्ग फुट जमीन इस तरह ली गई।

CBI

सीबीआई की चार्जशीट कहती है कि लालू यादव ने रेलवे के विभिन्न जोन में ग्रुप डी के पदों पर जमीन लेकर नौकरी दी। पटना में रहने वाले कई लोगों ने खुद या परिवार के नाम की जमीन एक निजी कंपनी के पक्ष में अपनी जमीन दी। ये कंपनी लालू यादव और उनके परिवार की तरफ से नियंत्रित होती थी। रेलवे में ये सारी भर्तियां मुंबई, कोलकाता, जयपुर, जबलपुर और हाजीपुर में हुई। इसके लिए भर्ती का कोई विज्ञापन वगैरा जारी भी नहीं किया गया था।