नई दिल्ली। एक तरफ भारत के नए आईटी कानून के खिलाफ खड़ी ट्विटर और दूसरी तरफ कई दक्षिणपंथ समर्थकों के हैंडल पर लगातार सक्रियता के साथ मैनिपुलेटेड टैग और उसे बंद कर देने वाली सोशल मीडिया एजेंसी के कारनामे कितने संगीन और भारत के खिलाफ हैं इस बात का अंदाजा आप इसी से लगा सकते हैं कि एक विवादास्पद कदम उठाते हुए माइक्रो-ब्लॉगिंग साइट ट्विटर ने कुख्यात कट्टरपंथी इस्लामिक संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के ट्विटर हैंडल को सत्यापित करते हुए ब्लू मार्क दे दिया है।
शनिवार को सोशल मीडिया की दिग्गज कंपनी ट्विटर इंक, जो भारतीय कानूनों की लड़ाई में पहले ही फंसी हुई है, ने सोशल मीडिया पर एक बड़ी बहस को बढ़ाते हुए पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के कर्नाटक इकाई के ट्विटर हैंडल को ‘सत्यापित’ करने का फैसला किया। 16 हजार से अधिक फॉलोवर वाले पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया की कर्नाटक इकाई के हैंडल को अब ट्विटर द्वारा ‘ब्लू टिक’ दे दिया गया है।
गौरतलब है कि कट्टरपंथी इस्लामिक संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया पर भारत में आतंकवादी हमलों को अंजाम देने और देश के विभिन्न हिस्सों में बड़े पैमाने पर सांप्रदायिक दंगे भड़काने के गंभीर आरोप लगाए गए हैं। पीएफआई का हिंसा फैलाने का काफी पुराना इतिहास है। नागरिकता संशोधन अधिनियम के मद्देनजर दिल्ली के हिंदू विरोधी दंगों और देश भर में हिंसा की जाँच के दौरान पीएफआई की भूमिका संदिग्ध पाई गई थी। साथ ही, पीएफआई के कई सदस्यों को दंगों में शामिल होने के लिए गिरफ्तार भी किया गया था। इसके अलावा, पिछले साल नवंबर में कट्टरपंथी इस्लामिक संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया ने देश के विभिन्न हिस्सों में दंगे और हिंसा उकसाने के आरोपित किसानों के सरकार विरोधी प्रदर्शन को अपना समर्थन दिया था। उसने प्रदर्शनकारियों को संविधान के संरक्षण के लिए संघर्ष करने के लिए कहा था।
ट्विटर की इस हरकत का अब विरोध भी देखने को मिल गया है। सूफी इस्लामिक बोर्ड ने ट्विटर के इस कदम की आलोचना की है। वहीं शहजाद पुनावाला तो ट्विटर की इस हरकत से इतने नाराज हो गए कि उन्होंने इस एजेंसी के काम करने के तरीके पर ही सवाल खड़े कर दिए।
Blue tick rewarded to communal & terror accused PFI while same was taken away from nationalists & nationalistic organisations / individuals like RSS/ VP of India
Can twitter explain the benchmark it applies ?
Tukde tukde gang rewarded
One India believers hounded pic.twitter.com/XcPDQWORkw— Shehzad Jai Hind (@Shehzad_Ind) June 20, 2021
सूफी इस्लामिक बोर्ड ने PFI की कर्नाटक इकाई के ट्विटर अकाउंट को वेरिफाई करने पर विरोध जताया है। साथ ही सूफी इस्लामिक बोर्ड ने ट्विटर को कहा है कि वो अपने इस फैसले को वापस ले। दरअसल, सूफी इस्लामिक बोर्ड का कहना है कि पीएफआई के खिलाफ देश विरोध गतिविधियों में शामिल होने के सबूत मिले हैं। ऐसे में पीएफआई को ब्लू टिक देना ट्विटर की बड़ी गलती है।