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Shivsena: ‘नाम-सिंबल’ खोने के बाद उद्धव ठाकरे को ट्विटर से मिला झटका, ऑफिशियल अकाउंट से हटा ब्लू टिक

Shivsena: बीते दिनों ही चुनाव आयोग ने उद्धव ठाकरे गुट को झटका देते हुए पार्टी का सिंबल और नाम शिंदे गुट को दे दिया था कि अब माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर से उद्धव ठाकरे समूह को झटका लगा है। ठाकरे समूह के ऑफिशियल अकाउंट पर अब ब्लू टिक हट गया है।

नई दिल्ली। बीते साल महाराष्ट्र में बड़ा सियासी खेल देखने को मिला था। जब एकनाथ शिंदे और उनके सहयोगियों ने बगावत कर उद्धव ठाकरे की शिवसेना सरकार की नींव को बुरी तरह से छतिग्रस्त कर दिया था। इस झटके से महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार सदमे में थी। सरकार जाने का और अपनी पार्टी शिवसेना (Shivsena) को खोना का डर ठाकरे (Uddhav Thackeray) के गले में फांस बना हुआ था। बीते दिनों ही चुनाव आयोग ने उद्धव ठाकरे गुट को झटका देते हुए पार्टी का सिंबल और नाम शिंदे गुट को दे दिया था कि अब माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर से उद्धव ठाकरे समूह को झटका लगा है। ठाकरे समूह के ऑफिशियल अकाउंट पर अब ब्लू टिक हट गया है।

बता दें, एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) और उनके सहयोगियों द्वारा बगावत करने के साथ ही ये दावा किया जा रहा था कि शिवसेना पार्टी पर उनका अधिकार है। हालांकि उद्धव ठाकरे गुट शिवसेना को अपनी बताने में लगे हुए थे। उद्धव ठाकरे को राज्य सरकार के पद से बेदखल करने के बाद एकनाथ शिंदे गुट पार्टी (शिवसेना) पर अपना अधिकार पाने की जुगत में लगे थे। बीते दिनों चुनाव आयोग ने इसे लेकर फैसला भी सुनाया और शिंदे गुट (Shinde gets Shiv Sena) को खुशखबरी सुनाते हुए पार्टी का सिंबल ‘धनुष और तीर’ उन्हें दे दिया। पार्टी का सिंबल ‘धनुष और तीर’ गवाने के बाद से ही उद्धव ठाकरे काफी परेशान थे।

आयोग की तरफ से पार्टी सिंबल को लेकर फैसला सुनाने के बाद उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले गुट ने अपने आधिकारिक ट्विटर और यूट्यूब अकाउंट का नाम बदल दिया। जैसे ही ठाकरे गुट की तरफ से ट्विटर अकाउंट का नाम बदला गया तो उसपर मौजूद ब्लू टिक भी हट गया। ठाकरे गुट ने अब अपने आधिकारिक ट्विटर का नाम बदल कर शिवसेना उद्धव बाळासाहेब ठाकरे (@ShivsenaUBTComm) किया गया है।

खैर आपकी जानकारी के लिए बता दें कि चुनाव आयोग द्वारा शिंदे गुट को पार्टी का सिंबल ‘धनुष और तीर’ मिलने से उद्धव ठाकरे काफी नाराज हैं। शिंदे गुट को वास्तविक शिवसेना के तौर पर मान्यता देने और सिंबल देने मामले में अब ठाकरे अपने गुट के साथ सुप्रीम कोर्ट के दरवाजे पर पहुंच गए हैं। अब देखना होगा कि आने वाले वक्त में ये मामला और कितना गर्माता है।