Jolt To Akhilesh: भगवान राम में जागी शिवपाल सिंह की आस्था, भतीजे अखिलेश को छोड़ने का ये है चाचा का संकेत !
शिवपाल के साथ समस्या ये है कि अखिलेश यादव ने चुनाव में उनकी मांगें नहीं मानीं। साथ ही सपा विधायकों की जगह गठबंधन के विधायकों की बैठक में बुलाया। शिवपाल अपने बेटे आदित्य यादव अंकुर को भी सियासत में लाना चाहते हैं, लेकिन अखिलेश ने इसमें भी अड़ंगा लगा रखा है।
लखनऊ। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को फिर उनके चाचा शिवपाल सिंह यादव ने झटका दिया है। शिवपाल के बारे में पिछले कुछ दिन से अटकलें लग रही हैं कि वो बीजेपी में जा सकते हैं। चैत्र नवरात्रि के मौके पर अब शिवपाल ने अपने एक ट्वीट से इन अटकलों को और जोर दे दिया है। शिवपाल ने ट्वीट में रामचरित मानस की चौपाई के जरिए भगवान राम को परिवार, संस्कार और राष्ट्र निर्माण की सबसे बढ़िया पाठशाला बताया है। इससे पहले खबर आई थी कि शिवपाल को बीजेपी यूपी विधानसभा का उपाध्यक्ष बना सकती है। अब उनपर भगवा रंग चढ़ने में कोई कसर नहीं दिख रही है।
प्रातकाल उठि कै रघुनाथा। मातु पिता गुरु नावहिं माथा॥ आयसु मागि करहिं पुर काजा। देखि चरित हरषइ मन राजा॥
भगवान राम का चरित्र ‘परिवार, संस्कार और राष्ट्र’ निर्माण की सर्वोत्तम पाठशाला है। चैत्र नवरात्रि आस्था के साथ ही प्रभु राम के आदर्श से जुड़ने व उसे गुनने का भी क्षण है। pic.twitter.com/yDmjA7Cgns
— Shivpal Singh Yadav (@shivpalsinghyad) April 4, 2022
शिवपाल सिंह यादव ने ट्वीट में लिखा है, ‘प्रातकाल उठि कै रघुनाथा। मातु पिता गुरु नावहिं माथा॥ आयसु मागि करहिं पुर काजा। देखि चरित हरषइ मन राजा॥ भगवान राम का चरित्र ‘परिवार, संस्कार और राष्ट्र’ निर्माण की सर्वोत्तम पाठशाला है। चैत्र नवरात्रि आस्था के साथ ही प्रभु राम के आदर्श से जुड़ने व उसे गुनने का भी क्षण है।’ शिवपाल यादव के बारे में इससे पहले खबर आई थी कि उन्होंने दिल्ली में गृहमंत्री और बीजेपी के चाणक्य कहे जाने वाले अमित शाह से मुलाकात की। इसके बाद लखनऊ में सपा गठबंधन के विधायकों की बैठक में न जाकर उन्होंने सीएम योगी से मुलाकात की थी। इसके बाद योगी और पीएम नरेंद्र मोदी को शिवपाल ने ट्विटर पर फॉलो भी किया था।
शिवपाल के साथ समस्या ये है कि अखिलेश यादव ने चुनाव में उनकी मांगें नहीं मानीं। साथ ही सपा विधायकों की जगह गठबंधन के विधायकों की बैठक में बुलाया। शिवपाल अपने बेटे आदित्य यादव अंकुर को भी सियासत में लाना चाहते हैं, लेकिन अखिलेश ने इसमें भी अड़ंगा लगा रखा है। चुनाव के वक्त शिवपाल ने अखिलेश से 100 सीटें मांगी थीं, लेकिन अखिलेश ने सिर्फ चाचा को ही टिकट दिया। अब लग रहा है कि इन्हीं सबसे नाराज होकर शिवपाल यादव बीजेपी की मदद से भतीजे अखिलेश को जोर का झटका देना चाहते हैं।