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West Bengal: ममता बनर्जी के राज में पंचायत चुनाव के वक्त हिंसा रोकने के लिए गवर्नर सक्रिय, उठाया ये अप्रत्याशित कदम

पश्चिम बंगाल में 8 जुलाई को पंचायत चुनाव की वोटिंग है। इससे पहले यहां हिंसा की तमाम घटनाएं हो रही हैं। राज्य के कई हिस्सों से हिंसा के मामले सामने आ रहे हैं। कलकत्ता हाईकोर्ट ने राज्य चुनाव आयोग को केंद्रीय बल तैनात करने के लिए भी कहा है। इसके खिलाफ राज्य सरकार और चुनाव आयोग सुप्रीम कोर्ट भी गए हैं।

कोलकाता। पश्चिम बंगाल में 8 जुलाई को पंचायत चुनाव की वोटिंग है। इससे पहले यहां हिंसा की तमाम घटनाएं हो रही हैं। राज्य के कई हिस्सों से हिंसा के मामले सामने आ रहे हैं। कलकत्ता हाईकोर्ट ने राज्य चुनाव आयोग को केंद्रीय बल तैनात करने के लिए भी कहा है। हिंसा का आरोप ममता बनर्जी की सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी), बीजेपी, कांग्रेस और वामदल यानी सभी एक-दूसरे पर लगा रहे हैं। आशंका जताई जा रही है कि पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव की वोटिंग के दौरान भी बड़े पैमाने पर हिंसा हो सकती है। हिंसा की आशंका को देखते हुए केंद्र सरकार के प्रतिनिधि यानी गवर्नर भी सक्रिय हो गए हैं। उन्होंने ऐसा कदम उठाया है, जो पहले किसी और राज्य में नहीं देखा गया।

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हिंसा वाले भांगड़ इलाके में मीडिया और स्थानीय लोगों से बात करते गवर्नर सीवी आनंद बोस।

पश्चिम बंगाल के गवर्नर सीवी आनंद बोस ने शनिवार को उन इलाकों का दौरा किया, जहां पंचायत चुनाव के लिए परचा दाखिल करते वक्त हिंसा की घटनाएं हुई थीं। वो दक्षिण 24 परगना के कैनिंग भी गए। कैनिंग में परचा दाखिल करने के दौरान बीते दिनों जमकर हिंसा और बमबाजी हुई थी। इनके अलावा गवर्नर सीवी आनंद बोस ने राज्य के चुनाव आयुक्त को भी शनिवार को बुलाया था। चुनाव आयुक्त पहले से किसी कार्यक्रम में व्यस्त होने का हवाला देकर राजभवन नहीं पहुंचे। इसके बाद ही गवर्नर सीवी आनंद बोस ने एक अप्रत्याशित कदम उठाया।

हिंसा वाले इलाकों का दौरा करने के बाद राजभवन लौटे पश्चिम बंगाल के गवर्नर सीवी आनंद बोस ने तत्काल एक कंट्रोल रूम खुलवा दिया। राजभवन में ये कंट्रोल रूम खोला गया है। राजभवन की तरफ से बताया गया है कि गवर्नर ने लगातार दौरे किए और लोगों ने उनको बंगाल में चुनाव पूर्व हो रही हिंसा की जानकारी दी। ऐसे में ‘शांति कक्ष’ नाम से सहायता केंद्र खोला जा रहा है। इसमें गवर्नर के ओएसडी का ई-मेल और फोन नंबर दिए गए हैं। हिंसा से जुड़ी जो भी जानकारी यहां आएगी, उसे उचित कदम उठाने के लिए बंगाल सरकार और राज्य चुनाव आयोग तक भेजा जाएगा। अब देखना ये है कि पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी और टीएमसी समेत अन्य पार्टियां गवर्नर सीवी आनंद बोस के इस कदम पर क्या प्रतिक्रिया जताती हैं।