नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) एटीएस को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। सोमवार को यूपी एटीएस ने धर्मांतरण कराने वाले रैकेट का भंडाफोड़ किया है। साथ ही मामले 2 मौलाना को धर दबोचा है। इसकी जानकारी यूपी के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने मीडिया को संबोधित करते हुए दी है। गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान मुफ्ती काजी जहांगीर, मोहम्मद उमर गौतम के तौर पर हुई है। दोनों दिल्ली के जामिया नगर के रहने वाले है।
यूपी: धर्मांतरण के रैकेट के खुलासे के बाद नोएडा में पुलिस का एक्शन, सेक्टर 117 में मूक बधिर स्कूल पहुंचकर स्टाफ से पूछताछ@Uppolice pic.twitter.com/FQohiOWvBz
— Newsroom Post (@NewsroomPostCom) June 21, 2021
एडीजी प्रशांत कुमार की ओर से बताया गया है कि अवैध रुप से धर्मांतरण करने वाले गिरोह को पकड़ा है, जो सुनियोजित तरीके से पैसे और प्रलोभन देकर धर्म परिवर्तन करवाता है। बताया जा रहा है कि ये लोग आईएसआई व अन्य विदेशी फंडिंग से धर्मांतरण करवाते थे।
यूपी के एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) प्रशांत कुमार ने सोमवार को यहां प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि राज्य में एक रैकेट चल रहा है, जो लोगों को इस्लाम अपनाने के लिए मजबूर कर रहा है। कुमार ने इसकी पुष्टि की है कि अब तक लगभग 1000 लोगों ने अपना धर्म परिवर्तित कर लिया है। एडीजी ने आगे कहा कि ये दोनों लोग गरीब परिवारों, बेरोजगार युवाओं और विकलांगों को निशाना बनाते थे, खासकर जो सुनने और बोलने में अक्षम थे, उनको अपना धर्म बदलने के लिए मजबूर करते थे।
UP ATS arrested two persons for their involvement in religious conversion on pretext of money, job & marriage of people from weaker economic sections & students. Probe revealed accused were funded by some international organisations including ISI: Prashant Kumar, ADG Law & Order pic.twitter.com/pLhzMTEkK8
— ANI UP (@ANINewsUP) June 21, 2021
पुलिस के मुताबिक पैसे और आर्थिक स्थिरता के लिए लोगों को धर्म परिवर्तन का लालच दिया गया। उत्तर प्रदेश एडीजी ने यह भी कहा कि यह धर्म परिवर्तन के लिए आईएसआई से फंडिंग का मामला हो सकता है। प्रशांत कुमार ने यह भी कहा कि कई महिलाओं को अपना धर्म बदलने के लिए मजबूर किया गया और उनकी शादी कर दी गई। उन्होंने कहा कि यह रैकेट नोएडा, कानपुर और मथुरा में चल रहा था। आरोपी ‘इस्लामिक दावा सेंटर’ नाम से एक सेंटर चलाते थे, जिसे दुनिया भर से फंडिंग मिलती थी।
पुलिस उन लोगों को भी ट्रैक कर रही है जो इस रैकेट में फंस गए थे और यह समझने के लिए आगे की जांच कर रही है कि उन्होंने लोगों को कैसे प्रभावित किया।