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उप्र शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में धांधली के आरोपों की जांच एसटीएफ करेगा : बेसिक शिक्षा मंत्री

उत्तर प्रदेश सरकार ने मंगलवार को कहा कि 69,000 सहायक शिक्षकों की भर्ती में धांधली के आरोपों की जांच विशेष कार्यबल करेगा।

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश सरकार ने मंगलवार को कहा कि 69,000 सहायक शिक्षकों की भर्ती में धांधली के आरोपों की जांच विशेष कार्यबल करेगा। बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री सतीश द्विवेदी ने यहां मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, “अभी किसी का डाक्युमेंट वेरीफिकेशन नहीं किया गया है। यह प्रक्रिया काउंलिंग में होगी। मामले की जांच की जा रही है। भर्ती में 50 फीसदी सीटें आरक्षित हैं, जबकि बाकी 50 फीसदी में नियमानुसार ही भर्ती हुई है।

मई में शिक्षक भर्ती में लेन-देन की शिकायत की गई थी। शिकायत पर के.एल. पटेल समेत 11 को गिरफ्तार किया गया था। इन सभी की गिरफ्तारी के बाद प्रयागराज के एक परीक्षा केंद्र पर धांधली का खुलासा हुआ था। परीक्षा में धांधली के बाद 69 हजार शिक्षक भर्ती की एसटीएफ को जांच सौंपी गई है।”

द्विवेदी ने कहा, “सहायक शिक्षक भर्ती में एक स्कूल और गिरोह का नाम आया था। मई 2020 में राहुल नामक अभ्यर्थी की शिकायत आई कि फरवरी 2020 में भर्ती के लिए उससे पैसे की मांग की गई, जबकि परीक्षा पहले हो चुकी थी। इसका तो परिणाम भी तैयार हो चुका था, अदालत में मामला लंबित होने से जारी नहीं हो पाया था। इस मामले में 11 लोगों को गिरफ्तार किया गया। इसके बाद पता चला कि एक सेंटर में गड़बड़ी थी। पूरी जांच को एसटीएफ को भेज दिए हैं। अगर गलत ढंग से कोई पास होता है तो उन अभ्यर्थियों को डिबार किया जाएगा। केंद्र प्रतिबंधित किया जाएगा।”

मंत्री ने कहा, ‘कुछ लोग अनावश्यक राजनीति करते हुए 69000 शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया को बाधित करने के लिए प्रश्न उठाए जा रहे हैं। कुछ लोगों को सही भर्ती क्यों पचेगी। यह तो भर्ती को डीरेल करने की साजिश रची जा रही है। फिलहाल 69000 शिक्षक भर्ती प्रकिया हाईकोर्ट के आदेश के बाद स्थगित है। शिक्षक भर्ती रोकने के लिए राजनीति की जा रही है। यह पूरा मामला एसटीएफ को सौंप दिया गया है। परीक्षा केंद्र को भविष्य में होने वाली किसी भी भर्ती परीक्षा के लिए डिबार किया गया है। उसके प्रबंधक और संबंधित स्टाफ जो भी इसमें शामिल पाया जाएगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।”


उन्होंने कहा, “प्रेरणा फ्रेमवर्क के कारण कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय का अनामिका शुक्ला मामला पकड़ में आया है। बागपत के बड़ौत से पोस्टिंग का पहला डेटा आया है। उसके आधार पर नौ जगहों पर एक डॉक्युमेंट से नियुक्ति हुई है। इसमें कुल छह विद्यालयों से 12,24,700 रुपये का भुगतान हुआ है। असली अनामिका शुक्ला की तलाश जारी है।”

द्विवेदी ने कहा कि योगी सरकार भ्रष्टाचार के मामले में जीरो टॉलरेंस के आधार पर काम कर रही है। कहीं भी कोई भ्रष्टाचार सामने आ रहा है तो उस पर तुरंत कार्रवाई हो रही है। आज तक जितने भी मामले सामने आए हैं, उन पर कार्रवाई हुई है।