देहरादून/नई दिल्ली। कोरोना महामारी के दौरान सावन के पवित्र महीने में कांवड़ यात्रा को लेकर सस्पेंस अभी खत्म नहीं हुआ है। सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार से कांवड़ यात्रा न कराने पर विचार के लिए कहा है, लेकिन केंद्र की मोदी सरकार ने कोर्ट को एक अनोखा आइडिया दिया है। खास बात यह कि इस आइडिया के जरिए कांवड़ यात्रा को सुरक्षित तरीके से कराने के लिए उत्तराखंड की पुष्कर सिंह धामी सरकार ने भी कदम उठाया है। उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी के दफ्तर की ओर से जानकारी दी गई है कि कांवड़ यात्रा के दौरान अगर राज्यों से गंगाजल की मांग होगी, तो राज्य सरकार पूरी तरह इसमें सहयोग देगी। राज्यों को बस अपने पानी के टैंकर उत्तराखंड भेजने होंगे। इन टैंकरों में गंगाजल भर दिया जाएगा। जिसके बाद संबंधित राज्य टैंकरों को अपने यहां अलग-अलग जगह लगाएंगे। इन टैंकरों से ही शिवभक्त कांवड़िये जल भरेंगे और उसे मंदिरों में चढ़ाएंगे।
वहीं, यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार भी चाहती है कि इस साल कांवड़ यात्रा को कराया जाए। सुरक्षा के साथ कांवड़ियों के लिए गंगाजल लाने में दिक्कत न हो, इसके लिए भी सरकार कई कदम उठा रही है। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री जेपी सिंह कह चुके हैं कि जरूरी हुआ तो कांवड़ियों का आरटी-पीसीआर टेस्ट भी कराया जाएगा।
अब इस मामले में सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है। ऐसे में माना जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट भी मोदी सरकार के फॉर्मुले को हरी झंडी दिखाते हुए यूपी सरकार को कांवड़ यात्रा के लिए मंजूरी दे सकती है। बता दें कि हर साल हजारों की संख्या में कांवड़िए उत्तराखंड पहुंचकर गंगाजल लाते हैं और अपने इलाकों के शिव मंदिरों में भगवान भोलेनाथ का उससे अभिषेक करते हैं, लेकिन कोरोना की वजह से इस बार उनकी यात्रा की राह मुश्किल भरी हो गई है।