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‘Know Your Temples’: लोगों को सनातन से जोड़ने के लिए VHP की अनूठी पहल, लॉन्च करेगी ‘मंदिरों को जाने’ नामक वेबसाइट, मिलेगी हर मंदिर की जानकारी

इस वेबसाइट में उन ऐतिहासिक मंदिरों की संपूर्ण जानकारी समाहित होगी  जो कि अब इतिहास के अवशेष के आगोश में आ चुके हैं या जिनका अस्तित्व खतरे में है। वेबसाइट की पूरी रूपरेखा तैयारी की जा चुकी है।  अब इसको विधिवत रूप से लॉन्च किया जाएगा। 

नई दिल्ली। गुजरते वक्त के साथ भारत में कई मंदिर अब इतिहास बन चुके हैं। इनका अस्तित्व खत्म हो चुका है या यह अपने अस्तित्व को बचाने की जद्दोजहद में लगे हैं। कई मंदिर जीर्ण-शीर्ण अवस्था में हैं, जिनके मरम्मत का कार्य प्रशासन द्वारा जारी है, लेकिन विडंबना यह है कि आज की पीढ़ी हमारे ऐतिहासिक मंदिरों के गौरवगान से अनिभिज्ञ हैं, जिनसे अवगत कराने के लिए अब हिंदू संगठनों की ओर से सराहनीय पहल की गई है। दरअसल, ‘मंदिरों को जानो’ नामक एक वेबसाइट की शुरुआत आगामी 27 जून को विश्व हिंदू परिषद द्वारा की जाएगी।

इस वेबसाइट में उन ऐतिहासिक मंदिरों की संपूर्ण जानकारी समाहित होगी जो कि अब इतिहास के अवशेष के आगोश में आ चुके हैं या जिनका अस्तित्व खतरे में है। वेबसाइट की पूरी रूपरेखा विश्व परिषद द्वारा तैयारी की जा चुकी है। अब इसे विधिवत रूप से लॉन्च किया जाएगा।  इस वेबसाइट को लॉन्च करने के मौके पर एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया है , जिसमें अनेकों मेहमानों को आमंत्रित किया गया है। इस कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि पूज्य स्वामी श्री बालकानंद गिरि जी महाराज, सम्मानित अतिथि स्वामि श्री जीतेंद्रानंद, विशिष्ट अतिथि श्री श्री कांता महाराज , मुख्य प्रवक्ता श्री मिलिंद पांडे, श्री अश्विनी चौबे, श्री बिप्लुब कुमार देव सहित अन्य नेता की मौजूदगी में इस वेबसाइट को लॉन्च किया जाएगा।

इस अवसर पर बड़ी संख्या में आम लोग भी शामिल होंगे, जिन्हें इस वेबसाइट की विशेषता के बारे में बताया जाएगा। सुबह 11. 25  मिनट पर कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा । इस बीच कार्यक्रम में शामिल हुए मेहमान जीर्ण-शीर्ण हुए मंदिरों के संदर्भ में व्याख्यान देंगे। मंदिरों को जाने वेबसाइट को लॉन्च करने के पीछे मकदस यही था कि उन सभी लोगों को भारत की ऐतिहासिक मंदिरों से अवगत कराया जाए, जो आज अनिभिज्ञ हैं। इस वेबसाइट पर कई मंदिरों की जानकारी उपलब्ध होगी। इसके लिए अब तक  300 से भी अधिक मंदिरों का डॉक्यूमेंटेशन किया जा चुका है। जिसमें उत्तर भारत से लेकर दक्षिण भारत तक के मंदिर शामिल हैं।