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Bihar: विजिलेंस टीम की पड़ी रेड, कैश का जखीरा देख अधिकारियों के उड़े होश, फिर…

कार्यपालक अभियंता संजय कुमार राय के ठिकानों की भी तलाशी ली गई है, जिसके पास से एक करोड़ रूपए बरामद हुए हैं। पुलिस अभी इनके जांच में जुट चुकी है और विलिजेंस की टीम कथित भ्रष्ट अधिकारियों से ये जानने का प्रयास कर रही है कि आखिर यह तंत्र कैसे और कब से विकसित हुआ है।

नई दिल्ली। लगता है, देश की सभी जांच एजेंसियां अब बिहार का रुख कर चुकी है, जिसकी वजह से भ्रष्ट अधिकारियों का जीना मुहाल हो चुका है। ताजा मामला ग्रामीण विकास विभाग के किशनगंज प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता संजय राय कुमार के ठिकानों पर छापेमारी से जुड़ा है। बता दें, यह कार्रवाई विजिलेंस टीम ने की है। अज्ञात सूत्रों के जरिए विजिलेंस को भ्रष्ट अधिकारियों के ठिकानों पर रिश्वत का पैसा रखे जाने की जानकारी दी गई थी। विजिलेंस अधिकारियों को छापेमारी के दौरान 3 करोड़ रुपए और ज्वलैरी बरामद हुई है।

उधर, कार्यपालक अभियंता संजय कुमार राय के ठिकानों की भी तलाशी ली गई है, जिसके पास से एक करोड़ रूपए बरामद हुए हैं। पुलिस अभी इनकी जांच में जुट चुकी है और विलिजेंस की टीम कथित भ्रष्ट अधिकारियों से ये जानने का प्रयास कर रही है कि आखिर यह तंत्र कैसे और कब से विकसित हुआ है। हालांकि, विजिलेंस की टीम इस पूरे मसले की जांच कर रही है और अब ऐसे में देखना होगा कि आगामी दिनों में जांच के उपरांत क्या कुछ सच्चाई निकलकर सामने आती है।

आपको बता दें कि जब से सियासी मोर्चे पर मुख्यमंत्री की कुर्सी पर नीतीश कुमार विराजमान हुए हैं, तभी से सभी जांच एजेंसियां एक्टिव हो चुकी हैं और सभी भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ शिकंजा कसने का सिलसिला शुरू हो चुका है। जिसे लेकर महागठबंधन सरकार अब डिफेंसिव मोड में आ चुकी है। बीते दिनों बिहार विधानसभा में डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने यहां तक कह दिया था कि जो कोई भी बीजेपी से नाता तोड़कर सरकार बना लेता है, तो वो भ्रष्ट अधिकारियों की जमात में शामिल हो जाता है और जो कोई बीजेपी में शामिल होकर सरकार बना लेता है, वो पवित्र हो जाता है।

जानें बिहार का सियासी बवाल

आपको बता दें कि बीते दिनों नीतीश कुमार ने बीजेपी से नाता तोड़कर राजद संग सरकार बना ली थी। जिसे लेकर राजद बीजेपी पर हमलावर भी हो चुकी थी। लेकिन नीतीश कुमार का कहना था कि बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान ही बीजेपी आरसीपी सिंह को मोहरा बनाकर तोड़ने की कोशिश कर रही थी, जिसे भांपते हुए नीतीश कुमार ने बीजेपी संग हाथ मिलाने का फैसला कर लिया है। बहरहाल, नीतीश कुमार के इस कदम की जहां उनके राजनीतिक सहयोगियों ने प्रशंसा की थी, तो वहीं बीजेपी ने आलोचना की थी, लेकिन अब यहां गौर करने वाली बात है कि जब से बिहार की कमान नीतीश कुमार ने राजद के साथ हाथ मिलाकर संभाली है, तभी से सभी जांच एजेंसियां एक्टिव हो चुकी हैं, जिसे महागबंधन गुट के लोग प्रतिशोध की राजनीतिक बता रहे हैं, तो वहीं बीजेपी का कहना है कि यह भ्रष्टाचार पर नकेल कसने की दिशा में एक कदम है। बहरहाल, अब आगामी दिनों में बिहार में जारी राजनीतिक घमासान के बीच जांच एजेंसियों को लेकर जारी बहस क्या रुख अख्तियार करती है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।