नई दिल्ली। अयोध्या में बन रहे रामलला के मंदिर के लिए एक गैर सरकारी संगठन NGO ने 115 देशों से वहां की नदियों और पवित्र सरोवरों का जल मंगाया है। इस जल को राम मंदिर की नींव तैयार होने के बाद परिसर में छिड़का जाएगा। यह जानकारी गैर सरकारी संगठन दिल्ली स्टडी सर्किल के प्रमुख और दिल्ली के पूर्व बीजेपी विधायक विजय जॉली ने दी है। जॉली के मुताबिक ऑस्ट्रेलिया, बांग्लादेश, अफगानिस्तान, कनाडा, चीन, कंबोडिया, क्यूबा, डीपीआर कांगो, फिजी, फ्रांस, जर्मनी, इटली, इंडोनेशिया, आयरलैंड, इजराइल, जापान, केन्या, लाइबेरिया, मलेशिया, मॉरिशस, म्यामां, मंगोलिया, मोरक्को, मालदीव और न्यूजीलैंड के अलावा कई और देशों से जल मंगवाया गया है।
विजय जॉली ने बयान में बताया है कि राम मंदिर आंदोलन के सबसे बड़े नेताओं में से एक लालकृष्ण आडवाणी, विश्व हिंदू परिषद के अध्यक्ष रहे स्वर्गीय अशोक सिंघल और पीएम नरेंद्र मोदी से उन्हें ये करने की प्रेरणा मिली। बता दें कि 5 अगस्त 2020 को राम मंदिर की आधारशिला रखी गई थी।
जॉली ने बयान में कहा कि ऐसे समय में जब लोग कोरोना महामारी की वजह से एक देश से दूसरे देश की यात्रा नहीं कर पा रहे हैं, तो आस्था और विश्वास के अपने ऐतिहासिक मिशन में हम सफल हुए। मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम सिर्फ अयोध्या के लोगों के लिए पूजनीय नहीं, बल्कि आधुनिक समय में दुनियाभर के लाखों लोग उनकी पूजा करते हैं। संगठन की योजना अगले महीने इस जल को अयोध्या भेजने की है। अयोध्या में भव्य और दिव्य राम मंदिर बन रहा है। अगले महीने तक नींव का काम होने के बाद मंदिर के प्लेटफॉर्म को बनाने का काम शुरू होगा। साल 2023 के दिसंबर तक मंदिर बनने की संभावना है। इसके लिए दुनियाभर से लोग दान दे रहे हैं।