नई दिल्ली। दिल्ली में गहराते जल संकट को लेकर उपराज्यपाल (एलजी) वी. के. सक्सेना ने अरविंद केजरीवाल सरकार को घेरते हुए गैर जिम्मेदाराना रवैया अपनाने का आरोप लगाया। वीके सक्सेना ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में अपनी अक्षमता को छिपाना दिल्ली सरकार की आदत बन गई है। वे अपनी हर विफलता के लिए दूसरों को दोषी ठहराते हैं और सोशल मीडिया, प्रेस, कॉन्फ्रेंस और कोर्ट-कचहरी करके अपनी जिम्मेदारियों से बचते हैं। मेरा मानना है कि दिल्ली में पानी की कमी केवल सरकार के कुप्रबंधन के कारण है।
#WATCH | Delhi LG, VK Saxena says, “…It has become a habit of the Delhi government to hide its inefficiency and inability during the past 10 years. They blame others for their every failure and just avoid their responsibilities by doing social media press, conferences and court… https://t.co/lqV0Q5TXKE pic.twitter.com/36sTArgHy3
— ANI (@ANI) May 31, 2024
एलजी ने कहा कि आज दिल्ली में महिलाएं, बुजुर्ग, जवान और बच्चे अपनी जान जोखिम में डालकर एक बाल्टी पानी के लिए टैंकरों के पीछे भागते नजर आ रहे हैं। देश की राजधानी में ऐसा हृदय विदारक दृश्य देखने को मिलेगा ऐसी किसी ने कल्पना भी नहीं की होगी। दिल्ली सरकार द्वारा अपनी विफलताओं का ठीकरा दूसरे राज्यों पर फोड़ा जा रहा है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा दिल्ली में 24 घंटे पानी देने का वादा अब तक छलावा साबित हुआ है। वीके सक्सेना बोले, मुझे बताया गया है कि हरियाणा और उत्तर प्रदेश लगातार अपने निर्धारित कोटे का पानी दिल्ली को सप्लाई कर रहे हैं।
Delhi LG, VK Saxena says, “From the last few days, we can see the irresponsible attitude of the Delhi government towards the water crisis in Delhi. Today in Delhi, people are seen risking their lives and running behind tankers to get water. But the government is blaming other… pic.twitter.com/yZbZSaMjxy
— ANI (@ANI) May 31, 2024
दिल्ली में पानी की भारी कमी का सबसे बड़ा कारण बताते हुए उन्होंने कहा कि 54 प्रतिशत पानी जो आ रहा है उसका कोई हिसाब ही नहीं है। 40 प्रतिशत पानी पुरानी और जर्जर पाइपलाइनों के कारण बर्बाद हो जाता है। पिछले 10 सालों में दिल्ली सरकार द्वारा हजारों करोड़ रुपए खर्च किए गए इसके बावजूद न तो पुरानी पाइपलाइनों की मरम्मत हुई और न ही उनको बदला गया। सक्सेना ने कहा कि हद तो ये है कि इसी पानी को टैंकर माफिया चोरी करके गरीब जनता को बेच देते हैं। बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि जहां एक ओर दिल्ली के समृद्ध इलाकों में प्रति व्यक्ति प्रति दिन औसतन 550 लीटर पानी की आपूर्ति की जा रही है, वहीं दूसरी ओर गांवों और मलिन बस्तियों में प्रति व्यक्ति औसतन केवल पंद्रह लीटर पानी की आपूर्ति की जा रही है।