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India-Maldives Relations: ‘पीएम मोदी का अपमान हम बर्दाश्त नहीं करेंगे.. लक्षद्वीप के प्रशासक प्रफुल्ल पटेल ने मालदीव को दिया करारा जवाब

India-Maldive Relations: मालदीव सरकार ने एक बयान के जरिए मंत्रियों की टिप्पणियों को निजी राय करार देते हुए उनसे दूरी बना ली। इसके बाद भारत ने कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि उनके प्रधानमंत्री के प्रति इस तरह का अनादर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

नई दिल्ली। इस समय सोशल मीडिया पर इस बात को लेकर बहस छिड़ी हुई है कि मालदीव और लक्षद्वीप में से कौन सी टूरिस्ट डेस्टिनेशन सबसे बेहतर है। यह बहस मालदीव के मंत्रियों के प्रधानमंत्री मोदी को लेकर दिए गए विवादित बयान के बाद छिड़ गई है। इस बीच लक्षद्वीप के प्रशासक प्रफुल्ल खोडा पटेल ने मालदीव के मंत्रियों की आलोचना करते हुए उनकी सरकार को चेतावनी दी कि कि प्रधानमंत्री मोदी का अपमान भारतीय नहीं सहने वाले हैं। इसके साथ ही उन्होंने देश के लोगों का प्रधानमंत्री मोदी का साथ देने के लिए धन्यवाद दिया।

कहां से हुई विवाद की शुरुआत?

आपको बता दें कि पूरी घटना लक्षद्वीप की यात्रा के बाद प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ मालदीव के तीन उप मंत्रियों- मालशा शेरिफ, मरियम शिउना और अब्दुल मुहुसिन माजिद द्वारा की गई अपमानजनक टिप्पणियों के इर्द-गिर्द घूमती है। इन टिप्पणियों ने भारत को भी अपमानित किया, जिससे भारतीय नागरिकों में आक्रोश फैल गया और मालदीव के बहिष्कार का आह्वान करने वाला एक सोशल मीडिया अभियान शुरू हो गया।

प्रधानमंत्री मोदी की लक्षद्वीप यात्रा के बाद उनके द्वारा तस्वीरें साझा की गईं और इन  तस्वीरों को देखकर सोशल मीडिया पर मालदीप के मंत्रियों की तरफ से विवादित बयान बाजी की गई। मालदीप की मंत्री मरियम ने प्रधानमंत्री मोदी को इसराइल के हाथ की कठपुतली बताया। इसके बाद इसकी व्यापक आलोचना हुई और विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर “बॉयकॉट मालदीव” अभियान की शुरुआत हुई। गौरतलब है कि ये टिप्पणियां न सिर्फ पीएम मोदी बल्कि पूरे भारत के खिलाफ थीं। मालदीव के बहिष्कार का आग्रह करते हुए सोशल मीडिया अभियान शुरू किया गया। ट्रैवल बुकिंग कंपनी ‘EaseMyTrip ने मालदीव के लिए सभी फ्लाइट बुकिंग रद्द कर दीं।

आधिकारिक कार्रवाइयां

मालदीव सरकार ने एक बयान के जरिए मंत्रियों की टिप्पणियों को निजी राय करार देते हुए उनसे दूरी बना ली। इसके बाद भारत ने कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि उनके प्रधानमंत्री के प्रति इस तरह का अनादर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मालदीव सरकार ने बढ़ती स्थिति के जवाब में इन मंत्रियों के पदों को निलंबित कर दिया। हंगामे के बीच दोनों पक्षों की ओर से मंत्रियों के बयानों से अलग-अलग सरकार की स्थिति स्पष्ट करने की कोशिश की गई।