नई दिल्ली। भारत ने वैश्विक मंच पर यह साबित कर दिया है कि उसका कोई सानी नहीं है। दुनिया का कोई भी देश फिलहाल उसका हाथ पकड़ने की स्थिति में नहीं है। राजनीति, खेल, सिनेमा, अंतरिक्ष, रक्षा, विज्ञान, चिकित्सा, साहित्य, संगीत सहित अन्यत्र क्षेत्रों में भारतीयों ने अपनी अद्भुत प्रतिभा की नुमाइश करके पूरी दुनिया को यह पैगाम दे दिया है कि भारत का मुकाबला करने की स्थिति में फिलहाल कोई देश नहीं है। जी हां…चलिए, इस रिपोर्ट में जरा हम विज्ञान के क्षेत्र में भारत की मौजूदा स्थिति के बारे में आपको बताते हैं।
पहले जहां विज्ञान के क्षेत्र में अमेरिका, जापान, ब्रिटेन सरीखे देशों का डंका बजता था, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में भारतीय वैज्ञानिकों ने अपनी अद्भुत प्रतिभा का जलवा बिखेरकर यह साबित कर दिया है कि वो किसी से कम नहीं हैं। यहां तक की नासा ने भी भारतीय वैज्ञानिकों के आगे घुटने टेक दिए हैं। जी हां…जरा याद कीजिए…वो लम्हा…..जब चंद्रयान-3 की चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफल लैंडिंग हुई थी, तो पूरे देश में खुशी की लहर दौड़ गई थी। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने वैज्ञानिकों की पीठ थपथपा कर उनकी प्रतिभा को सलाम किया था। आखिर यह सलाम करना बनता भी है, क्योंकि चंद्रमा के दक्षिण ध्रुव पर पहुंचने वाला भारत दुनिया का पहला देश जो बना।
#WATCH | PSLV-C58 XPoSat Mission launch | ISRO launches X-Ray Polarimeter Satellite (XPoSat) from the first launch-pad, SDSC-SHAR, Sriharikota in Andhra Pradesh.
(Source: ISRO) pic.twitter.com/ws6Ik0Cdll
— ANI (@ANI) January 1, 2024
वहीं, अब खबर है कि ISRO ने ब्लैक हॉल के रहस्यों से पर्दा उठाने के मकसद से आज ही सुबह XPoSat लॉन्च किया है। यह PSLV-C58/XPoSat की जानकारी के साथ ही अंतरिक्ष के रहस्यों और अनछुए राजों से भी पर्दा उठाएगा। इसरो ने बताया कि इस मिशन की मियाद पांच साल की होगी। जिसमें ब्लैक हॉल के सभी राजों पर से पर्दा उठाया जाएगा। इसरो एक्स-रे पोलरिमीटर उपग्रह का प्रक्षेपण किया। इसके अलावा यह ब्लैक हॉल के आकाशीय पिंडों का भी अध्ययन करेगा।
आपको बता दें कि इसरो ने आज ही यहां से सफल उड़ान भरी है। जैसे ही इसने सफल उड़ान भरी तो लोगों ने अपनी तालियों की गड़गड़ाहट के साथ स्वागत किया। फिलहाल, इस वर्ष विज्ञान के मोर्चे पर हमारे वैज्ञानिकों की भूमिका कैसी रहती है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।