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G-20 Meeting: क्या है जी-20? कैसे हुआ इसका प्रादुर्भाव? जानें सभी अहम बातें

G-20 Meeting: अगर इस संगठन की कार्यशैली का बात करें, तो इस संगठन का काम करना अपना एक अलग तरीका है, जिससे आज भी कई लोग अनभिज्ञ हैं। ध्यान दें, जिस किसी भी देश को संगठन की अध्यक्षता का मौका मिलता है, वो इसे अपने देश में आयोजित करवाता है और इसके बाद बैठक का एजेंडा पेश करता है।

नई दिल्ली। देश की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में इन दिनों जी -20 की बैठक की तैयारियां चल रही हैं। कहीं बैठकों का सिलसिला जारी है, तो कहीं चर्चाओं का बाजार गुलजार है। दो दिनी बैठक को लेकर तैयारी अपने चरम पर पहुंच चुकी है। अधिकांश तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा चुका है। संगठन के सभी सदस्य देश कल दिल्ली में अपनी आमद दर्ज करा चुके हैं, जिनके आवभगत के लिए अभी से मोर्चा संभाला जा चुका है। पूरी रूपरेखा तैयार की जा चुकी है। विदेश मंत्रालय की हर छोटी-बड़ी गतिविधियों पर नजरें बनी हुई हैं। वहीं इस अहम बैठक को ध्यान में रखते हुए तीन दिनों तक के लिए दिल्ली में कई सेवाएं ठप रहेंगी जिनके बारे में लोगों को पहले से ही अवगत करा दिया गया है। इस बीच कई लोगों के जेहन में जी-20 संगठन को लेकर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। इस रिपोर्ट में हम आपके इन्हीं सब सवालों का जवाब देंगे। आइए, आगे आपको इसके बारे में विस्तार से बताते हैं।

क्या है जी 20

जैसा कि इसके नाम से ही परिलक्षित हो रहा है कि यह 20 देशों का समूह है। 1999 में जब एशिया महाद्वीप में आर्थिक संकट अपने चरम पर पहुंच गया था, तब कई एशियाई देशों ने एक छत के तले आने का निर्णय किया था, तभी अस्तित्व में आया था जी-20 संगठन। वहीं, समय-समय पर संगठन के सदस्य देश परस्पर अपने संबंधों को प्रगाढ़ करने की दिशा में बैठकें करते रहते हैं, जहां वैश्विक हितों को प्रभावित करने वाले वित्त कारकों के बारे में विस्तारपूर्वक चर्चा की जाती है। इस चर्चा में भाग लेने के लिए संगठन के सभी सदस्य देश शामिल होते हैं।

विदित हो कि जब 2007 में आर्थिक संकट गहराया था, तब सदस्य देशों ने वित्त हितों को प्रभावित करने के लिए कई ऐसे निर्णय लिए, जो कि आगे चलकर मील के पत्थर साबित हुए। जी-20 की पहली बैठक अमेरिका की राजधानी वाशिंगटन में हुई थी। अब तक इस संगठन की 17 बैठकें हो चुकी हैं। भारत इसकी 18वें बैठक की मेजबानी करने जा रहा है। प्राय: बैठक में कृषि, विकास, पर्यावरण, जयवायु परिवर्तन और भ्रष्टाचार सरीखे विषयों पर विस्तार से चर्चा होती है।

कौन-कौन संगठन में शामिल

इस संगठन में कुल 20 देश शामिल हैं, जिनमें अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राज़ील, कनाडा, चीन, फ़्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, रिपब्लिक ऑफ़ कोरिया, मेक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्किए, यूनाइटेड किंगडम और अमेरिका है। वहीं, संगठन में शामिल सदस्य देशों की ताकत का अंदाजा आप महज इसी से लगा सकते हैं कि इनके पास विश्व 75 फीसद जीडीपी का हिस्सा है।

क्या और कैसे काम करता है जी-2-

वहीं, अगर इस संगठन की कार्यशैली की बात करें, तो इस संगठन का काम करने का अपना एक अलग तरीका है, जिससे आज भी कई लोग अनभिज्ञ हैं। ध्यान दें, जिस किसी भी देश को संगठन की अध्यक्षता का मौका मिलता है, वो इसे अपने देश में आयोजित करवाता है और इसके बाद बैठक का एजेंडा पेश करता है। यह संगठन कई हिस्सों में मिलकर काम करता है, जिसमें एक हिस्सा वित्त का होता है। जिसमें से एक है फाइनेंस ट्रैक। इस ट्रैक के तहत सभी देशों के गर्वनर मिलकर बैठक करते हैं और अपने लिए वित्तीय एजेंडा तय करते हैं।

कैसे मिलती है बैठक की अध्यक्षता

उधर, बैठक की अध्यक्षता कई कारकों पर निर्भर करती है, जिसमें सबसे प्रमुख है तिकड़ी। जी हां….पिछला, वर्तमान और भविष्य के अध्यक्ष शामिल होते हैं, जो कि इस बात को तय करते हैं कि किस देश को इस संगठन की अध्यक्षता की कमान सौंपनी है। भारत के बाद जी-20 की अध्यक्षता ब्राजील को सौंपी जाएगी। बहरहाल, अब दिल्ली में होने जा रही बैठक में किन मुद्दों पर विस्तारपूर्वक फैसला किया जाता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।