नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शंघाई सहयोग संगठन की बैठक में हिस्सा लेने उज्बेकिस्तान पहुंचे हैं। जहां वे सदस्य देशों से मुखातिब हुए, लेकिन इस बीच जैसे ही उनकी मुलाकात रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से हुई, तो पूरी दुनिया में चर्चाओं का बाजार गुलजार हो गया। जिस तरह से रूस-यूक्रेन के बीच युद्ध का सिलसिला जारी है। जिस तरह कई देश रूस-यूक्रेन के युद्ध को लेकर भारत के रूख से वाकिफ होने को लेकर आतुर हैं। ऐसी परिस्थितियों के बीच जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मुलाकात रूसी राष्ट्रपति से हुई, तो लोगों के जेहन में आतुरता का सैलाब अपने चरम पर पहुंचना लाजिमी था। मुलाकात के बीच दोनों ही नेताओं के बीच कई मुद्दों को लेकर वार्ता हुई है, जिसके कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं। लेकिन, इस बीच दोनों ही नेताओं के बीच बेहद दिलचस्प वाकया हुआ है। आइए, आपको इसके बारे में विस्तार से बताते हैं।
जानें पूरा मजारा
दरअसल, 17 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जन्मदिन है। लेकिन, इससे पहले वे शंघाई सहयोग संगठन में शिरकत करने उज्बेकिस्तान में हैं। इस बीच उन्होंने रूसी पुतिन से गर्मजोशी के साथ मुलाकात थी। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि पुतिन भी इस बात से वाकिफ थे कि कल यानी की 17 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जन्मदिन है, लेकिन उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जन्मदिन की शुभकामानाएं नहीं दी। अब ऐसी स्थिति में आपके जेहन में सवाल उठ सकता है कि आखिर क्यों पुतिन ने पीएम मोदी को जन्मदिन की बधाई नहीं दी। आखिर माजरा क्या था? जरा कुछ खुलकर बताएंगे।
#WATCH | My dear friend, tomorrow you are about to celebrate your birthday…,says Russian President Vladimir Putin to PM Modi ahead of his birthday
(Source: DD) pic.twitter.com/93JWy2H43S
— ANI (@ANI) September 16, 2022
तो इसके पीछे की वजह पुतिन ने बता डाली। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से कहा कि मेरी मजबूरी है कि आपको जन्मदिन की अग्रिम बधाई नहीं दे सकता हूं, क्योंकि हमारी रूसी संस्कृति के मुताबिक किसी को भी जन्मदिन के एक दिन पहले ही बधाई नहीं दी जाती है, इसलिए मेरी मजबूरी है कि आपको बधाई नहीं दे पा रही हूं। उम्मीद है कि आप मेरी मजबूरी समझ पाएंगे। बता दें कि रूसी राष्ट्रपति के मुख से इन शब्दों को सुनने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुस्कुराने लगे। बता दें कि इस बीच दोनों ही नेताओं के रूस यूक्रेन युद्ध को लेकर वार्ता भी हुई। जिसमें रूसी राष्ट्रपति ने कहा कि वे यूक्रेन में जारी संकट को लेकर भारत की चितांओं से वाकिफ हैं। इस दौरान दोनों ही नेताओं के बीच कई मसलों पर वार्ता हुई।