नई दिल्ली। यूपी विधानसभा चुनावों में सीएम योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में बीजेपी गठबंधन ने फिर अपना डंका बजा दिया है। हालांकि, पिछली बार के मुकाबले बीजेपी को काफी सीटों का नुकसान भी हुआ है। अखिलेश यादव के सपा गठबंधन ने पिछली बार के मुकाबले इस बार बहुत बेहतर प्रदर्शन किया है। बीएसपी और कांग्रेस की अब तक के चुनावों में सबसे बड़ी दुर्गति हुई है। मायावती का ‘ब्राह्मण कार्ड’ और प्रियंका गांधी का ‘लड़की हूं, लड़ सकती हूं’ का नारा पूरी तरह फेल हो गया है। इस वक्त यूपी के जो सभी 403 सीटों के रुझान आए हैं। बीजेपी गठबंधन 263, सपा गठबंधन 133, बीएसपी 3 , कांग्रेस 2 और अन्य 2 सीट पर आगे। यूपी में बहुमत का आंकड़ा 202 सीट है।
इन रूझानों पर नजर डाली जाए तो यूपी के कई बाहुबलि नेताओं के बेटे पीछे चल रहे हैं। मऊ सदर सीट से मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी की किस्मत पर दांव है। वो दूसरे नंबर पर चल रहे हैं। उनकी झोली में अब तक 11 हजार 023 वोट आए हैं। अब्बास अंसारी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के टिकट पर चुनावी मैदान पर उतरे हैं। शीर्ष स्थान पर भारतीय जनता पार्टी के अशोक कुमार सिंह हैं। उन्हें 13954 वोट मिल चुके हैं।
हरिशंकर तिवारी और अमरमणि त्रिपाठी के बेटे भी पीछड़े
चिल्लूपार सीट से समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हरिशंकर तिवारी के बेटे विनय शंकर तिवारी बीजेपी के राजेश त्रिपाठी से मात खाते हुए दिखाई दे रहे हैं। चुनाव आयोग की मानें तो विनय शंकर दूसरे स्थान पर चल रहे हैं। उनके खाते में अब तक 29.78 फीसदी वोट गिरे हैं। वो 5004 वोट अपने नाम कर चुके हैं। वही, राजेश त्रिपाठी 41.67 फीसदी वोट पा चुके हैं। उनकी झोली में अब तक कुल 7002 वोट गिरे हैं। बात यूपी के पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी के बेटे अमनमणि त्रिपाठी की करें तो वो भी पीछे चल रहे हैं। वो नौतनवां सीट से चुनावी मैदान में हैं। वो बसपा के टिकट से मैदान किस्मत आजमा रहे हैं। अमनमणि तीसरे स्थान पर हैं। पहले स्थान पर निर्भल इंडियन शोषित ‘हमारा आम दल’ के ऋषि त्रिपाठी हैं। उनकी झोली में 20 हजार से ज्यादा वोट गिर चुके हैं। दूसरे नंबर पर समाजवादी पार्टी के कुंवर कुशल सिंह चल रहे हैं।