नई दिल्ली। किसी महान इंसान ने सही ही कहा है कि सफलता और परिपक्वता उम्र की मोहताज नहीं होतीं और वो कहते हैं न! कि अगर दिल में कुछ कर गुजरने की क्षमता और जज्बा हो तो किसी भी विषम परिस्थिति में इंसान को सफलता मिल सकती है, बस जरूरत होती है मेहनत, धैर्य और अपने मन पर काबू पाने की। इस कहावत को सच कर दिखाया है बिहार के 22 साल के सूरज कुमार ने जिन्होंने IIT जैम में 54वीं रैंक हांसिल की है। अब आप सोच रहे होंगे कि कई बच्चों ने इस तरह का कमाल कर दिखाया है तो सूरज की कहानी में ऐसा खास क्या है? लेकिन जनाब सूरज की कहानी बाकियों से कुछ अलग है क्योंकि वो पिछले एक साल से अंडर ट्रायल कैदी के रूप में जेल में बंद है और जेल में रहते हुए ही सूरज ने ये कामयाबी पाई है। जी हां, आपने बिल्कुल ठीक सुना सूरज ने जेल की विषम और अव्यवस्थित परिस्थिति में ही ये कारनामा कर दिखाया लेकिन पहला सवाल तो यही है कि आखिर सूरज जेल में बंद क्यों हैं?
इस वजह से जेल में बंद है सूरज
सूरज बिहार के मोसमा गांव के निवासी हैं और फिलहाल नवादा जेल में बंद हैं। उन्हें 17 अप्रैल 2021 को जेल भेजा गया था जिसकी वजह मार्च 2021 में मोसमा गांव में नाले के विवाद को लेकर दो गुटों के बीच हुई झड़प है। इस मामले में जिस शख्स की मौत हो गई उसके पिता के बयान के आधार पर सूरज समेत 11 नामजद लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। इस सिलसिले में गिरफ्तार किए गए चार नामजद आरोपियों में सूरज भी शामिल था और यही कारण रहा कि सूरज को जेल में रहकर पढ़ाई करनी पड़ी। सूरज ने कोटा में रहकर इंजीनियरिंग परीक्षा की तैयारी की थी और 13 फरवरी को देशभर के परीक्षा केंद्रों पर IIT Roorkee द्वारा आयोजित मास्टर्स के लिए ज्वाइंट एंट्रेंस टेस्ट IIT JAM में 100 में से 50.33 अंक लाकर सूरज 54वीं रैंक पर रहे। हालांकि इसका रिजल्ट 17 मार्च को घोषित कर दिया गया था लेकिन बीते बुधवार को ये मामला सबके सामने आया।
नवादा के एसडी उमेश कुमार भारती के मुताबिक, नवादा जेल में 614 कैदियों को रखने की जगह है लेकिन वहां 1071 कैदी हैं। ऐसे शोरगुल और अव्यवस्थित जगह में पढ़ाई करना नामुमकिन ही है लेकिन सूरज का मेंटल प्रेशर हैंडल करने का जज्बा अलग स्तर का है। उमेश सूरज की सफलता के लिए उनकी सराहना करते हैं और कहते हैं कि सूरज आगे पढ़ना चाहते हैं। सूरज ने जेल में रहते हुए भी अपनी पढ़ाई नहीं छोड़ी और जेल अधिकारियों की मदद से गणित समेत दूसरे विषयों की तैयारी की। तैयारी पूरी होने के बाद परीक्षा देने का फैसला किया और परीक्षा का परिणाम सबके सामने है। सच ही है, जहां चाह वहां राह…मुश्किल हालात व्यक्ति को केवल कुछ वक्त के लिए कमजोर कर सकते हैं लेकिन उसका मनोबल नहीं तोड़ सकते। IIT जैम परीक्षा कोई साधारण या आसान परीक्षा नहीं है। ये मास्टर ऑफ साइंस और अन्य पोस्ट ग्रेजुएशन साइंस कार्यक्रमों में एडमिशन के लिए एक कॉमन एंट्रेंस टेस्ट होता है जिसे पास करना हर किसी के बसकी बात नहीं है।