कोलकाता। पश्चिम बंगाल के गवर्नर सीवी आनंद बोस ने सीएम और टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी पर मानहानि का केस किया है। इस केस की सुनवाई आज कलकत्ता हाईकोर्ट के जस्टिस कृष्ण राव करने वाले हैं। देश में पहली बार ऐसा हुआ है कि किसी राज्य के गवर्नर से सीएम के खिलाफ कोई केस किया हो। ऐसे में ये जानना जरूरी है कि आखिर गवर्नर सीवी आनंद बोस ने ममता बनर्जी पर मानहानि का केस क्यों किया?
सीवी आनंद बोस और ममता बनर्जी के बीच काफी समय से छत्तीस का आंकड़ा रहा है। बीते दिनों राजभवन में काम करने वाली एक महिला ने गवर्नर पर यौन उत्पीड़न आरोप लगाया था। गवर्नर सीवी आनंद बोस ने इसका खंडन किया था। वहीं, कोलकाता पुलिस ने महिला की शिकायत पर केस दर्ज कर जांच शुरू की थी। उसके बाद ममता बनर्जी ने दावा किया था कि महिलाओं ने उनसे शिकायत की है कि राजभवन में होने वाली गतिविधियों के कारण वो वहां जाने से डरती हैं। ममता बनर्जी के इसी बयान के बाद गवर्नर सीवी आनंद बोस ने उनपर मानहानि का केस कर दिया।
सीवी आनंद बोस ने मानहानि का केस करने के बाद कहा कि जन प्रतिनिधियों से अपेक्षा होती है कि वे गलत और बदनाम करने वाली बातें न करें। गवर्नर ने ये भी कहा था कि ममता बनर्जी ने हद पार कर दी है। सीवी आनंद बोस ने कहा कि सीएम के तौर पर उन्होंने ममता बनर्जी को सम्मानित सहयोगी माना और आदर-सम्मान दिया, लेकिन ममता को लगता है कि वो किसी को भी धमका सकती हैं और चरित्र पर अंगुली उठा सकती हैं। गवर्नर ने ये भी कहा था कि ममता बनर्जी को सभ्य आचरण के साथ काम करना होगा। पश्चिम बंगाल के गवर्नर ने ये भी कहा था कि उनका किरदार ममता बनर्जी के इशारे पर नहीं चलने वाला। उन्होंने ये भी कहा था कि स्वाभिमान की हत्या बर्दाश्त नहीं है और ममता बनर्जी उनको डरा-धमका नहीं सकतीं।