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Akhilesh Yadav And Mamata Banerjee: विपक्षी गठबंधन की एकजुटता में दरार?, अखिलेश यादव और ममता बनर्जी के ताजा रुख से उठ रहा सवाल

Akhilesh Yadav And Mamata Banerjee: विपक्षी खेमे में एक बार फिर दरार दिख रही है। अखिलेश यादव और ममता बनर्जी के ताजा रुख के कारण विपक्ष की एकता पर सवाल खड़े हो रहे हैं। आपको हम बताने जा रहे हैं कि विपक्षी एकता में अखिलेश और ममता के किस रुख के कारण दरार पैदा होती दिख रही है।

नई दिल्ली। विपक्षी खेमे में एक बार फिर दरार दिख रही है। अखिलेश यादव और ममता बनर्जी के ताजा रुख के कारण विपक्ष की एकता पर सवाल खड़े हो रहे हैं। खास बात ये है कि अखिलेश यादव और ममता बनर्जी लोकसभा चुनाव के बाद कई बार साथ दिख चुके हैं। विपक्ष में शामिल डीएमके के साथ ही आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने साफ कह दिया है कि उनके शासित राज्यों के सीएम बजट में अपने राज्यों के लिए कोई प्रावधान न होने के विरोध में नीति आयोग की बैठक में शामिल नहीं होंगे। वहीं, टीएमसी सुप्रीमो और पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने कहा है कि वो नीति आयोग की बैठक में जाएंगी। यानी विपक्ष ने जो तय किया, उसके उलट ममता बनर्जी अपना रुख दिखाने जा रही हैं। हालांकि, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के घर मंगलवार को जब विपक्षी दलों के नेताओं की बैठक हुई, तब उसमें टीएमसी भी शामिल हुई थी।

विपक्ष की एकजुटता में संदेह सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव के कदम के कारण भी हो रहा है। एबीपी न्यूज ने खबर दी है कि अखिलेश यादव और सपा का कोई नेता मल्लिकार्जुन खरगे के घर विपक्षी दलों की बैठक में नहीं पहुंचा। खास बात ये है कि विपक्षी गठबंधन में अखिलेश यादव और ममता बनर्जी की पार्टियां लोकसभा चुनाव में काफी सीटें जीतकर कांग्रेस के बाद दूसरे और तीसरे नंबर पर रही हैं। अखिलेश की सपा ने बीते दिनों हुए लोकसभा चुनाव में 37 सीटें हासिल की थीं और वो लोकसभा में तीसरा सबसे बड़ा दल है। वहीं ममता बनर्जी की टीएमसी ने 29 लोकसभा सीटों पर जीत हासिल की। विपक्ष में शामिल सपा और टीएमसी से बड़ी पार्टी सिर्फ कांग्रेस ही है। जिसने 99 लोकसभा सीटों पर जीत हासिल की। यूपी में कांग्रेस ने सपा के साथ गठबंधन किया था और बावजूद इसके 17 में से सिर्फ 7 सीटें ही जीत सकी।

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वैसे, अखिलेश यादव और ममता बनर्जी का विपक्षी गठबंधन से अलग राह चलने का किस्सा नया नहीं है। अखिलेश यादव और ममता बनर्जी पहले भी गठबंधन के विचार से अलग अपनी राय रखते रहे हैं। कई बार ममता की पार्टी टीएमसी ने विपक्ष के तय एजेंडे से अलग राह पकड़ी। वहीं, मध्यप्रदेश के विधानसभा चुनाव के दौरान तो अखिलेश यादव और कांग्रेस के नेताओं में सीटों के बंटवारे पर जमकर टकराव देखने को मिला था।