नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव फरवरी 2025 में होने जा रहे हैं। इन चुनाव में अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी को बीजेपी के अलावा कांग्रेस भी चुनौती दे रही है। ऐसे में इंडी गठबंधन के दोनों सहयोगी दलों के बीच तनाव और बढ़ गया है। आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने भले ही दिल्ली में लोकसभा चुनाव मिलकर लड़ा था, लेकिन अब सूत्रों के हवाले से न्यूज चैनल आजतक ने दोनों के बीच खटास और बढ़ने की खबर दी है। न्यूज चैनल ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि आम आदमी पार्टी अब कांग्रेस को इंडी गठबंधन से बाहर कराने की कोशिश कर रही है। खबर के मुताबिक इस बारे में अरविंद केजरीवाल की पार्टी इंडी गठबंधन के दूसरे दलों से बात करने वाली है।
कांग्रेस के नेता लगातार अरविंद केजरीवाल की पार्टी पर निशाना साध रहे हैं। बताया जा रहा है कि यही आम आदमी पार्टी के नेताओं को नागवार लगा है। आम आदमी पार्टी के नेताओं ने पहले ही आरोप लगाया था कि बीजेपी के साथ कांग्रेस मिली हुई है। कांग्रेस के खिलाफ पहले ही कई सहयोगी दलों ने मोर्चा खोल रखा है। हरियाणा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की दुर्गति के बाद पश्चिम बंगाल की सीएम और टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी ने कहा था कि वो इंडी गठबंधन की कमान संभालने के लिए तैयार हैं। ममता के समर्थन में शरद पवार और लालू यादव भी खुलकर आए थे। समाजवादी पार्टी और उद्धव ठाकरे भी ममता बनर्जी के समर्थन में दिखे। इंडी गठबंधन के इन सभी नेताओं का रुख देखकर ही शायद अब अरविंद केजरीवाल कांग्रेस को बाहर कराने की तैयारी में जुट गए हैं।
दिल्ली में हुए कथित शराब घोटाले के मामले में शिकायत भी कांग्रेस के नेताओं ने की थी। इस मामले में अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया, संजय सिंह समेत पार्टी के कई लोग जेल की हवा भी खा चुके हैं। खास बात ये है कि आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच पंजाब और हरियाणा विधानसभा चुनाव में भी गठबंधन नहीं हुआ था और दोनों दलों ने अपने उम्मीदवार उतारे थे। अगर इंडी गठबंधन के नेताओं से बात कर अरविंद केजरीवाल कांग्रेस को बाहर कराने में सफल होते हैं, तो इससे कांग्रेस को बड़ा झटका लग सकता है। बता दें कि लोकसभा सत्र के दौरान भी कांग्रेस के अडानी मुद्दे पर किसी विपक्षी दल ने साथ नहीं दिया था। सोरोस मामले में भी कांग्रेस के साथ इंडी गठबंधन के अहम दल खड़े नहीं हुए।