नई दिल्ली। संविधान दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुप्रीम कोर्ट में अपने संबोधन में कहा, भारत के संविधान का ये 75वां साल पूरे देश के लिए एक असीम गौरव का विषय है। ऐसे समय में जब हम लोकतंत्र के इस महत्वपूर्ण उत्सव को मना रहे हैं, हम यह नहीं भूल सकते कि आज मुंबई में हुए आतंकी हमले की बरसी भी है। मैं इस हमले में जान गंवाने वाले लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। मैं देश का संकल्प दोहराता हूं कि भारत की सुरक्षा को चुनौती देने वाले हर आतंकी संगठन को मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। मोदी ने कहा कि संविधान में मिली शक्तियों की बदौलत ही आज जम्मू कश्मीर में भी पहली बार संविधान दिवस मनाया गया है।
VIDEO | “During the long debate of the Constituent Assembly, serious discussions took place on India’s republican future. You all are well aware of that debate. Back then, Babasaheb Ambedkar had said that ‘Constitution is not a mere lawyer’s document, its spirit is always the… pic.twitter.com/YKzOQ3Zp69
— Press Trust of India (@PTI_News) November 26, 2024
पीएम बोले, संविधान सभा की लंबी बहस के दौरान भारत के गणतांत्रिक भविष्य पर गंभीर चर्चाएं हुई थीं। आप सभी उस बहस से भली-भांति परिचित हैं। उस समय बाबा साहेब आंबेडकर ने कहा था कि ‘संविधान महज वकीलों का दस्तावेज नहीं है, इसकी आत्मा सदैव युग की आत्मा है।’ बाबा साहब जिस भावना की बात कहते थे, वह बहुत महत्वपूर्ण है। देश, काल, परिस्थिति के हिसाब से उचित निर्णय लेकर हम संविधान की समय समय पर व्याख्या कर सकें यह प्रावधान हमारे संविधान निर्माताओं ने हमें दिया है।
दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट में संविधान दिवस समारोह के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा “26 नवंबर 1949 को संविधान सभा में अपने समापन भाषण में डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद ने कहा था भारत को आज ईमानदार लोगों के एक समुह से ज़्यादा कुछ नहीं चाहिए। जो अपने हितों से आगे देश का हित… pic.twitter.com/tCufOwMQRb
— IANS Hindi (@IANSKhabar) November 26, 2024
मोदी ने कहा कि 26 नवंबर 1949 को संविधान सभा में अपने समापन भाषण में डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद ने कहा था भारत को आज ईमानदार लोगों के एक समूह से ज़्यादा कुछ नहीं चाहिए, जो अपने हितों से आगे देश का हित रखेंगे। प्रधानमंत्री बोले, आप सभी जानते हैं कि हमारे संविधान की मूल प्रति में भी प्रभु श्री राम, माता सीता, हनुमान जी, भगवान बुद्ध, भगवान महावीर, गुरु गोविंद सिंह जी सभी के चित्र हैं। भारत की संस्कृति के प्रतीक इन चित्रों को संविधान में इसलिए स्थान दिया गया ताकि वो हमें मानवीय मूल्य के प्रति सजग करते रहें।
Delhi: During the Constitution Day celebrations at the Supreme Court, PM Modi says, “As you all know, the original copy of our Constitution also contains the images of Lord Shri Ram, Mata Sita, Hanuman Ji, Lord Buddha, Lord Mahavir, Guru Gobind Singh Ji, and many others…” pic.twitter.com/uF4JT4H5Nf
— IANS (@ians_india) November 26, 2024
नरेंद्र मोदी ने कहा, भारत के भविष्य का मार्ग अब बड़े सपनों और बड़े संकल्पों की सिद्धी का है। आज हर देशवासी का एक ही सपना है विकसित भारत का निर्माण। बीते 75 वर्षों में देश के सामने जो भी चुनौतियां आई हैं हमारे संविधान हर उस चुनौती का समाधान करने के लिए उचित मार्ग दिखाया है। इस कालखंड में आपातकाल जैसा समय भी आया और हमारे संविधान ने लोकतंत्र के सामने आई इस चुनौती का भी सामना किया।
Delhi: During the Constitution Day celebrations at the Supreme Court, PM Modi says, “In the past 75 years, whatever challenges the country has faced, our Constitution has shown the right path to address each of those challenges. During this period, even times like the Emergency… pic.twitter.com/50xg6Tn9lb
— IANS (@ians_india) November 26, 2024