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मध्यप्रदेश में क्या टूट जाएगी कांग्रेस? कांग्रेस पदाधिकारी ने उठाई माधवराव सिंधिया की बनाई पार्टी को फिर ज़िंदा करने की मांग

मध्य प्रदेश कांग्रेस में घमासान तेज होता जा रहा है। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीच लड़ाई खुलकर सामने आ गई है। सिंधिया ने सड़क पर उतरने की चेतावनी भी दे दी है। इसके जवाब में कमलनाथ ने उन्हें सड़क पर उतरने का न्योता भी दे दिया है।

नई दिल्ली। मध्य प्रदेश कांग्रेस में घमासान तेज होता जा रहा है। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीच लड़ाई खुलकर सामने आ गई है। सिंधिया ने सड़क पर उतरने की चेतावनी भी दे दी है। इसके जवाब में कमलनाथ ने उन्हें सड़क पर उतरने का न्योता भी दे दिया है। मगर इस बीच एक नए घटनाक्रम ने कांग्रेस की चिंता बढ़ा दी है।

Jyotiraditya Scindia & Kamal Nath

महिला कांग्रेस की प्रदेश महासचिव रुचि राय ठाकुर ने ज्योतिरादित्य सिंधिया से उनके पिता माधवराव सिंधिया की पार्टी मध्य प्रदेश विकास कांग्रेस को एक बार फिर पुनर्जीवित करने की मांग की है। उन्होंने सोशल मीडिया पर एक पम्पलेट भी पोस्ट की है। महिला कांग्रेस की इस पदाधिकारी ने आरोप लगाया है कि इसी तरह ज्योतिरादित्य सिंधिया के पिता की भी कांग्रेस ने उपेक्षा की थी।

Rahul Gandhi, Kamal nath and jyotiraditya SCIndia

रुचि राय ठाकुर के मुताबिक 90 के दशक में कुछ इसी तरीके से स्वर्गीय माधवराव सिंधिया की कांग्रेस पार्टी ने अनदेखी की थी। उसी के चलते उन्होंने 1996 में इस पार्टी का न केवल गठन किया था बल्कि इसके चुनाव चिन्ह पर चुनाव लड़कर भारी मतों से चुनाव भी जीता था। जिस तरीके से मध्यप्रदेश में सत्ता परिवर्तन में पूर्व केंद्रीय मंत्री और राष्ट्रीय महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया का योगदान है वह किसी से छुपा नहीं है लेकिन उसके बावजूद भी सरकार में आने के बाद उन्हें को तवज्जो नहीं दी गई जो मिलनी चाहिए थी।

jyotiraditya scindia and rahul gandhi

दरअसल सीएम कमलनाथ के रुख से ज्योतिरादित्य सिंधिया से जुड़े कांग्रेस कार्यकर्ता आहत हैं। वे चाहते हैं कि सिंधिया मध्य प्रदेश विकास कांग्रेस को एक बार पुनः जीवित करें। सिंधिया और सीएम कमलनाथ के बीच हुई बयानबाजी के बाद प्रदेश सरकार के दो मंत्री इमरती देवी और प्रदुमन सिंह तोमर सिंधिया के साथ सड़कों पर उतरने का एलान कर चुके हैं। ऐसे में महिला कांग्रेस की इस पदाधिकारी की नई मांग इस बात का इशारा करने के लिए काफी है कि कांग्रेस अपने ही झगड़ों से बुरी तरह परेशान है।