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योगी सरकार को बसों का बिल थमाने पर मचा बवाल तो गहलोत के मंत्री ने दिया यह जवाब!

कोरोना संकटकाल में लागू लॉकडाउन के दौरान राजस्थान में फंसे उत्तर प्रदेश के स्टूडेंट्स को उनके गृह राज्य भेजे जाने के बाद बस किराये को लेकर उठा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है।

लखनऊ। देश में एक तरफ कोरोनावायरस अपना कहर बरपा रहा है। तो वहीं दूसरी राजनीतिक गहमागहमी थमने का नाम नहीं ले रही है। इज़ी राजनीति के बीच कोरोना संकटकाल में लागू लॉकडाउन के दौरान राजस्थान में फंसे उत्तर प्रदेश के स्टूडेंट्स को उनके गृह राज्य भेजे जाने के बाद बस किराये को लेकर उठा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस मामले को लेकर मचे बवाल के बाद राजस्थान सरकार के परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने ट्वीट कर इसे झूठ और फरेब की राजनीति करार दिया है।

kota students

खाचरियास ने किराया विवाद का खंडन करते हुए अपने ट्वीट के साथ उस पत्र व्यवहार को भी लोगों के सामने रखा जो कोटा से छात्रों की वापसी को लेकर उत्तर-प्रदेश सरकार ने राजस्थान सरकार से किया था।

खाचरियावास ने ट्वीट के जरिये बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा पर पर निशाना साधते हुए कहा कि आप झूठ बोल रहे हैं। जिन पैसों की आप बात कर रहे हैं, वह उत्तर प्रदेश की बसों में डीज़ल डलवाने का है। उन्‍होंने कहा कि उत्तर प्रदेश राज्यपथ परिवहन की बसें जब राजस्थान आई थीं, तब यूपी के परिवहन अधिकारियों ने राजस्थान परिवहन के अधिकारियों से इसका निवेदन किया था।

‘श्रमिक बसें प्रतिदिन फ्री’

खाचरियवास ने अपने दूसरे ट्वीट में कहा कि राजस्थान सरकार ने 2 करोड़ 6 लाख ख़र्च करके हाथरस और आगरा तक यूपी के मज़दूरों को पहुंचाया है। हमारी श्रमिक बसें प्रतिदिन चल रही हैं, जो पूरी तरह निशुल्क है। झूठ की राजनीति करने के बजाय पूरे देश में मज़दूर दर्द से परेशान है, उधर ध्यान दें।

यह था मामला

उल्लेखनीय है कि राजस्थान सरकार ने योगी सरकार को हाल ही में 36 लाख 36 हजार 664 रुपए का बिल भेजा है। ये बिल उन बसों का है जिनसे पिछले दिनों उत्‍तर प्रदेश के बच्‍चों को कोटा से यूपी ले जाया गया था। इसके साथ इसमें लिखा है कि राजस्थान राज्य परिवहन निगम द्वारा 17 अप्रैल से 19 अप्रैल तक कोटा में अध्ययनरत छात्रों को उत्तर प्रदेश के फतेहपुर सीकरी (आगरा) और झांसी तक पहुंचाने के लिए बसों की व्यवस्था कर परिवहन की सुविधा उपलब्ध कराई गई थी। इसका भुगतान अभी तक प्राप्त नहीं हुआ है। अविलंब इसका भुगतान करवाएं।