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बांदा जेल पहुंचने के बाद मुख्तार को लेकर योगी सरकार उठाने जा रही है एक और कदम, बढ़ सकती हैं मुश्किलें

Mukhtar Ansari: सूत्रों के मुताबिक मुख्तार के आसपास जाने वाला हर जेल कर्मी बॉडी वॉर्न कैमरे से लैस रहेगा ताकि उसके और मुख्तार के बीच हुई बातचीत और व्यवहार की रिकॉर्डिग हो सके।

लखनऊ। बुधवार को उत्तर प्रदेश का माफिया डॉन और बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी लंबा सफर तय करके आखिरकार उत्तर प्रदेश की बांदा जेल पहुंच गया है। रोपड़ से कागजी कार्रवाई पूरी होने के बाद अंसारी को लेकर निकली पुलिस करीब 14 घंटे बाद बांदा जेल पहुंची। अंसारी के जेल पहुंचने के कुछ देर बाद एएसपी महेंद्र प्रताप सिंह चौहान ने बताया कि मुख्तार अंसारी का स्वास्थ्य ठीक है। वहीं मुख्तार की बांदा शिफ्टिंग के बाद अब योगी सरकार एक और कदम उठाने की तैयारी में है जो माफिया मुख्तार अंसारी की मुश्किलें बढ़ा सकती हैं। बता दें कि उत्तर प्रदेश सरकार अब मुख्तार की विधानसभा सदस्यता खत्म करवाने को लेकर विधिक राय ले सकती है। गौरतलब है कि पिछले 24 साल से लगातार विधायक मुख्तार अंसारी की अगर विधानसभा सदस्यता जाती है तो उत्तर प्रदेश के लिए एक बड़ी कामयाबी होगी।

Mukhtar Ansari don

दरअसल कानून के मुताबिक, अगर कोई भी विधानसभा सदस्य विधानसभा की कार्यवाही में 60 दिन तक शामिल नहीं होता है और अनुपस्थित रहता है तो आर्टिकल 190 के तहत उसकी सदस्यता ख़त्म की जा सकती है। इस आर्टिकल 190 के अलावा मुख़्तार के ख़िलाफ़ दर्ज आपराधिक मामलों को भी सदस्यता ख़त्म करने का आधार यूपी सरकार बनायेगी।

बता दें कि मुख्तार अंसारी पर यूपी में 52 मुकदमे दर्ज हैं, जिसमें 15 ट्रायल स्टेज पर हैं। इसमें बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय की हत्या का भी मामला शामिल है। इस मामले की जांच सीबीआई ने की थी, लेकिन मुख्तार अंसारी गवाहों के मुकर जाने से इस केस में बरी हो गया।

वहीं बांदा जेल में उसकी शिफ्टिंग की बात करें तो जानकारी है कि, मुख्तार के आसपास जाने वाला हर जेल कर्मी बॉडी वॉर्न कैमरे से लैस रहेगा ताकि उसके और मुख्तार के बीच हुई बातचीत और व्यवहार की रिकॉर्डिग हो सके। जेल की निगरानी के लिए एक ड्रोन कैमरा भी लखनऊ से भेजा गया है। वहीं मुख्तार अंसारी की बैरक और आसपास के इलाके को सीसीटीवी कैमरों से लैस कर दिया गया है। पंजाब की रोपड़ जेल में रह रहे बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी को यह जेल खूब रास आई थी। वह यहां पर अपने आपको पूरी तरह सुरक्षित समझता था और किसी सूरत उप्र नहीं जाना चाहता था। 2 साल में 8 बार उप्र की पुलिस उसे लेने रोपड़ गई लेकिन हर बार सेहत, सुरक्षा और कोरोना आदि को कारण बताकर पंजाब पुलिस ने उसे सौंपने से इनकार कर दिया था।

पंजाब पुलिस हर बार डॉक्टर की सलाह का हवाला देती रही कि अंसारी को डिप्रेशन, शुगर, रीढ़ से संबंधित बीमारियां हैं। ऐसे में उसे कहीं और शिफ्ट करना ठीक नहीं है। जब यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा तो पंजाब सरकार ने आरोपी को पंजाब की जेल में रखने के लिए कई तर्क रखे लेकिन वे सब विफल रहे। बता दें कि पंजाब पुलिस 21 जनवरी 2019 को मोहाली पुलिस बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी को रियल एस्टेट कारोबारी से रंगदारी मांगने के आरोप में उप्र से प्रोडक्शन वारंट पर लेकर आई थी। इसके बाद 25 जनवरी 2019 से वह रोपड़ जेल में ही बंद था।