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Uttar Pradesh: योगी सरकार की योजना से बदलेगी प्रदेश की तस्वीर, खाद्य प्रसंस्करण इकाइयां पहुंचाएंगी गांव-गांव रोजगार

Uttar Pradesh:ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार और स्वरोजगार बढ़ाने के लिए क्षेत्रवार कृषि उत्पादन के मुताबिक इकाइयां लगाई जा रही हैं। राज्य के अलीगढ़, बरेली, बुलंदशहर, कानपुर देहात, जौनपुर और मथुरा में दूध से बने उत्पाद, औरैया एवं कासगंज विशेष रूप से घी, वाराणसी व देवरिया हरी मिर्च, अमरोहा, लखनऊ, सीतापुर के आम, बस्ती, गोरखपुर, सिद्धार्थनगर के काला नमक चावल, कुशीनगर में केले की चिप्स तो पूर्वांचल में आलू व अन्य फसलों से जुड़ी इकाइयां लगाई जा रही हैं।

लखनऊ। यूपी के ग्रामीण युवाओं तक रोजगार पहुंचाने के साथ ही किसानों को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से खाद्य प्रसंस्करण इकाइयां राज्य के गांवों में स्वरोजगार और व्यापार के अवसर पैदा करेंगी। योगी सरकार इन खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों के जरिये ग्राम विकास और ग्राम स्वावलंबन के संकल्प को तेजी से पूरा करने की ओर अग्रसर है। मौजूदा खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति-2017 में पूंजीगत अनुदान व ब्याज में छूट की सुविधा दी जा रही है। सीएम योगी आदित्यनाथ की योजना खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को और अधिक सुविधाएं देकर बड़े निवेश लाकर ग्रामीण इलाकों में रोजगार के अधिकतम अवसर उपलब्ध कराने की है। सरकार 62,122 इकाइयों के जरिये ग्रामीण क्षेत्रों में नए रोजगार सृजन करेगी। पिछले चार साल में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग में 10,500 करोड़ रुपये के रिकॉर्ड निवेश को योजना का बड़ा आधार माना जा रहा है। इसके लिए सरकार ने अपनी खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति-2017 में भी बदलाव किया है। सरकार 20 हजार करोड़ रुपये से अधिक निवेश लाकर अगले कुछ दिनों में करीब 3 लाख लोगों को रोजगार प्रदान करने की तैयारी में है।

Yogi adityanath

ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार और स्वरोजगार बढ़ाने के लिए क्षेत्रवार कृषि उत्पादन के मुताबिक इकाइयां लगाई जा रही हैं। राज्य के अलीगढ़, बरेली, बुलंदशहर, कानपुर देहात, जौनपुर और मथुरा में दूध से बने उत्पाद, औरैया एवं कासगंज विशेष रूप से घी, वाराणसी व देवरिया हरी मिर्च, अमरोहा, लखनऊ, सीतापुर के आम, बस्ती, गोरखपुर, सिद्धार्थनगर के काला नमक चावल, कुशीनगर में केले की चिप्स तो पूर्वांचल में आलू व अन्य फसलों से जुड़ी इकाइयां लगाई जा रही हैं। इसी तरह पश्चिमी और मध्य उत्तरप्रदेश में मक्के की खेती के लिहाज से मक्का आधारित खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को लगाने पर सरकार का जोर है।

Yogi adityanath

गौरतलब है कि प्रदेश में खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार कृषि प्रसंस्करण इकाइयों को मण्डी शुल्क में छूट दे रही है। जिसके लिए मंडी शुल्क से छूट दिये जाने के नए नियम बनाए गए हैं। सरकार की मंशा ज्यादा इकाइयों को प्रदेश की ओर आकर्षित करने की है ताकि रोजगार बढ़ने के साथ ही किसानों को भी इन यूनिटों से ज्यादा से ज्यादा लाभ मिल सके। सरकार ने प्रदेश की बड़ी मण्डियों की खाली पड़ी भूमि पर कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण उद्योग स्थापित करने की योजना तैयार की है। जिसके तहत मंडी क्षेत्र में स्थापित होने वाली खाद्य प्रसंस्करण इकाइयां जिनकी लागत 5 करोड़ या उससे अधिक हैं, उन्हें 5 साल के लिए मंडी शुल्क से छूट दी जा रही है।