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UP: युवाओं को रोजगार देने के नए रास्ते खोल रही योगी सरकार, अब यूपी में नहीं बैठना होगा बेकार

Uttar Pradesh: योगी सरकार ने शिक्षित बेरोजगारों, महिलाओं और अर्द्ध कुशल कारीगरों को कई जिलों में मानदेय पर रखना शुरू भी कर दिया है। इसके लिए कैबिनेट ने ग्राम पंचायतों में एक सचिव सह अकाउंटेंट रखने का फैसला भी किया है। इस पद पर नियुक्त होने वाले को हर महीने छह हजार रुपए मानदेय दिया जाएगा।

लखनऊ। बीते साढ़े चार साल में 6.5 करोड़ युवाओं को रोजगार देने और इस साल दिसंबर तक 37500 सरकारी पदों पर नियुक्ति करने की तैयारी के बीच यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) एक नए तरीके से भी युवाओं को रोजगार देने की तैयारी में जुट गए हैं। इसके लिए पूरा खाका तैयार कर लिया गया है। योगी सरकार का इरादा सभी सरकारी विभागों में एक लाख से ज्यादा पदों पर मानदेय के आधार पर नौकरी देने का है। इस योजना का मकसद अर्द्ध कुशल श्रमिकों को रोजगार मुहैया करना है। कोरोना की वजह से अन्य राज्यों से बेरोजगार होकर काफी युवा यूपी में अपने घरों को लौटे। इसकी वजह से यूपी में बेरोजगारों की संख्या बढ़ी है। इसे देखते हुए ही सीएम योगी ने मानदेय पर नियुक्ति का रास्ता तलाशा है।

योगी सरकार ने शिक्षित बेरोजगारों, महिलाओं और अर्द्ध कुशल कारीगरों को कई जिलों में मानदेय पर रखना शुरू भी कर दिया है। इसके लिए कैबिनेट ने ग्राम पंचायतों में एक सचिव सह अकाउंटेंट रखने का फैसला भी किया है। इस पद पर नियुक्त होने वाले को हर महीने छह हजार रुपए मानदेय दिया जाएगा।
इसके अलावा मनरेगा में कामकाज का निरीक्षण करने के लिए 22 हजार से ज्यादा महिला मेट की नियुक्ति भी होगी। महिला मेट को हर महीने 8400 रुपए दिए जाएंगे। मनरेगा के नियम के तहत हर 50 श्रमिकों की निगरानी के लिए मेट रखा जा सकता है। यूपी में मनरेगा मजदूरों की संख्या 22 लाख से ज्यादा है। ऐसे में 44 हजार मेट रखे जाएंगे। जिनमें से आधी महिलाएं होंगी।

CM Yogi Adityanath

उधर, एख अन्य योजना के तहत यूपी में सामुदायिक शौचालयों की देकरेख के लिए 35512 ग्राम पंचायतों में महिलाओं के स्वयं सहायता समूहों को इनके संचालन और देखरेख की जिम्मेदार भी देने की योजना है। इस योजना में समूह की हर महिला को 6000 रुपए मानदेय दिया जाएगा।