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दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष जफरुल इस्लाम के विवादित फेसबुक पोस्ट पर मचा हंगामा, बीजेपी ने की ये मांग

दिल्ली की सियासी हवा लॉकडाउन के बीच भी अपने पूरे वेग से चल रही है। दरअसल दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष जफरुल इस्लाम अपने बयान से फिर घिरते दिख रहे हैं।

नई दिल्ली। देशभर में वैश्विक महामारी कोरोनावायरस के बीच राजनीतिक गहमागहमी देखने को मिल रही है। दिल्ली की सियासी हवा लॉकडाउन के बीच भी अपने पूरे वेग से चल रही है। दरअसल दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष जफरुल इस्लाम अपने बयान से फिर घिरते दिख रहे हैं। उन्होंने ने एक फेसबुक पोस्ट में लिखा कि जिस दिन भारत के मुसलमानों ने अरब देशों से अपने जुल्म की शिकायत कर दी जलजला आ जाएगा।

अब अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष के इस विवादित बयान पर भारतीय जनता पार्टी सख्त हो गई है। बीजेपी ने आरोप लगाया है कि जफरुल इस्लाम भारत की छवि खराब कर रहे हैं। पार्टी ने दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल से जवाब मांगा है, और जफरूल को पद से हटाने की मांग की है।

CM Arvind Kejriwal

बीजेपी प्रवक्ता विजय सोनकर शास्त्री ने कहा कि यह लिखना गलत है, झूठ है। उन्होंने कहा कि भारत की छवि धूमिल करने का प्रयास किया जा रहा है। शास्त्री ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री इस पर जबाव दें, और तुंरत इस्लाम को उनके पद से हटाएं

ध्यान रहे कि जफरुल इस्लाम ने पोस्ट में लिखा है कि भारतीय मुस्लिमों के साथ खड़े होने के लिए कुवैत का धन्यवाद। उन्होंने लिखा है कि हिंदुत्व विचारधारा के लोग सोचते हैं कि कारोबारी हितों की वजह से अरब देश भारत के मुस्लिमों की सुरक्षा की चिंता नहीं करेंगे, लेकिन वे नहीं जानते हैं कि भारतीय मुस्लिमों के अरब और मुस्लिम देशों से कैसे रिश्ते हैं। जफरुल ने लिखा कि जिस दिन मुसलमानों ने अरब देशों से अपने खिलाफ जुल्म की शिकायत कर दी, जलजला आ जाएगा। उन्होंने यह पोस्ट 28 अप्रैल की रात को लिखी है।  भारतीय मुस्लिमों और कुवैत के बारे में ये पोस्ट करने वाले जफरुल इस्लाम लोगों के निशाने पर हैं। साथ ही पार्टी भी खासी उनसे नाराज नजर आ रही है।

इससे पहले भी जफरुल इस्लाम खान क्वॉरन्टीन सेंटर में तबलीगी जमात के लोगों के साथ हो रहे व्यवहार को लेकर दिल्ली सरकार को पत्र लिख चुके हैं। इस्लाम ने अपने पत्र में केंद्र और दिल्ली सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा था कि तबलीगी जमात के लोगों को क्वॉरन्टीन की अवधि को पूरा करने के बाद छोड़ा नहीं जा रहा है। उनके साथ छुआछूत हो रही है।

उन लोगों को कैदियों की तरह रखा जा रहा है। एक तरफ सरकार ठीक हुए जमातियों का प्लाज्मा इस्तेमाल कर रही है, वहीं दूसरी ओर उन्हें कैदियों से भी बदतर हालात में रखा जा रहा है। लेकिन ऐसा नहीं है कि विवादित बयानों को लेकर भाजपा सिर्फ दिल्ली सरकार पर ही सख्ती दिखा रही है। गौरतलब है कि बीजेपी ने हाल ही में अपने ही देवरिया और हरदोई के विधायकों पर भी कार्रवाई की थी। इन दोनों विधायकों ने लॉकडाउन के दौरान विवादित बयान दिए थे।