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Karnataka CM Face: कर्नाटक के मुख्यमंत्री के चुनाव में MLAs की भूमिका शून्य, एक प्रस्ताव और सोनिया की मुहर से ही हो जाएगा काम

Karnataka CM Face: राजस्थान में जब चुनाव के परिणाम सामने आए थे और कांग्रेस ने राज्य के भीतर जीत दर्ज की थी उस वक्त सचिन पायलट राहुल गांधी के बेहद करीब थे। बताया जाता है कि राहुल गांधी उन्हें ही राजस्थान का मुख्यमंत्री बनाना चाहते थे। कहा जाता है कि राजस्थान विधानसभा चुनाव के बाद सचिन पायलट ही सीएम पद के लिए राहुल गांधी की पसंद थे। खबरें हैं कि उस दौरान राहुल को समझाया गया कि 2019 लोकसभा चुनाव के मद्देनजर अशोक गहलोत जैसे वरिष्ठ नेता को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। इसके आलावा मध्यप्रदेश में भी कांग्रेस को सिंधिया की बगावत का सामना इन्हीं वजहों के चलते करना पड़ा था।

नई दिल्ली। 2023 कर्नाटक विधानसभा चुनाव कांग्रेस के लिए एक नई उम्मीद लेकर आया है। 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले ही कर्नाटक जैसे बड़े राज्य में बहुमत की सरकार बनाना कांग्रेस के लिए बड़ी जीत मानी जा रही है। इससे पहले हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस ने सरकार बनाई थी। लेकिन अब कर्नाटक में जीत के बाद एक सवाल जो हर किसी के मन में चल रहा है वो ये है कि राज्य के भीतर कांग्रेस का CM के चेहरा कौन बनेगा? लेकिन एक बात तो साफ़ है कि इसपर आखिरी फैसला गांधी परिवार का ही होगा। राज्य में 2 नामों को लेकर बड़ी चर्चा है। एक तो पूर्व कोंग्रेसी मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और दूसरा कांग्रेस के राज्य में अध्यक्ष का पद संभाल रहे डी के शिवकुमारदोनों ही नेताओं के नाम पर मंथन किया जा रहा है।

2018 में मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में भी कमोबेश ऐसे ही हालात नजर आए थे, जहां दो नामों को लेकर कांग्रेस के भीतर आपसी कलह नजर आई थी, लेकिन इसके बाद 2018 के बाद ही एक बात स्पष्ट हो गई थी कि राज्य में कोई भी नेता कितना भी मजबूत हो, कमान हमेशा दिल्ली आलाकमान के हाथों में ही रहती है। कर्नाटक की स्थित पर भी सोमवार को दिल्ली में मंथन जारी है। रविवार को सभी विधायकों की राय एक लिफाफे में कैद हो गई है। साथ ही विधायक ने अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को मुख्यमंत्री चुनने का अधिकार सौंपा है। लेकिन ये बात भी सोलह आने सच है कि बिना सोनिया गांधी की मुहर के कर्नाटक में किसी के नाम पर आखिरी फैसला किया ही नहीं जा सकता है।

गौर करने वाली बात तो ये भी है कि राजस्थान में जब चुनाव के परिणाम सामने आए थे और कांग्रेस ने राज्य के भीतर जीत दर्ज की थी उस वक्त सचिन पायलट राहुल गांधी के बेहद करीब थे। बताया जाता है कि राहुल गांधी उन्हें ही राजस्थान का मुख्यमंत्री बनाना चाहते थे। कहा जाता है कि राजस्थान विधानसभा चुनाव के बाद सचिन पायलट ही सीएम पद के लिए राहुल गांधी की पसंद थे। खबरें हैं कि उस दौरान राहुल को समझाया गया कि 2019 लोकसभा चुनाव के मद्देनजर अशोक गहलोत जैसे वरिष्ठ नेता को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। इसके आलावा मध्यप्रदेश में भी कांग्रेस को सिंधिया की बगावत का सामना इन्हीं वजहों के चलते करना पड़ा था। इसी के चलते प्रदेश में कांग्रेस की सरकार को उखाड़ फेंका गया और शिवराज को सीएम की गद्दी फिर मिल गई थी।