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Periods Information: दिन में कितनी बार पैड बदलना होता है जरूरी, इग्नोर करने पर हो सकती है गंभीर बीमारी

Periods Information: डॉक्टर की मानें तो हर तीन से चार घंटे में पैड को बदलते रहना चाहिए। ऐसा करने से आप कई बीमारियों से बच सकती हैं। डॉक्टर्स का मानना है कि ज्यादा समय तक एक ही पैड के इस्तेमाल से योनि के बाहरी और आंतरिक हिस्से में कई बीमारियां हो सकती हैं

नई दिल्ली। हर लड़की को हर महीने पीरियड की समस्या होती है। इस समस्या में कुछ लड़कियों को दर्द की समस्या होती है और कुछ को नहीं। इस दौरान ज्यादातर महिलाएं पैड पर निर्भर रहती हैं क्योंकि मेंस्ट्रुअल कप का चलन और उसका इस्तेमाल कम ही किया जाता है लेकिन क्या आप जानती हैं कि एक दिन में कितनी बार पैड बदलना जरूरी होता है। ये सवाल बेहद आम है लेकिन बेहद जरूरी है। अगर आप भी एक ही पैड से पूरे दिन गुजारा करती हैं, तो आप एक साथ कई बीमारियों को बुलावा दे रही हैं। तो चलिए जानते हैं कि एक दिन में कितनी बार पैड बदलना चाहिए और क्यों।

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डॉक्टर की मानें तो हर तीन से चार घंटे में पैड को बदलते रहना चाहिए। ऐसा करने से आप कई बीमारियों से बच सकती हैं। डॉक्टर्स का मानना है कि ज्यादा समय तक एक ही पैड के इस्तेमाल से योनि के बाहरी और आंतरिक हिस्से में कई बीमारियां हो सकती हैं जो आगे जाकर कैंसर तक का रूप ले सकती हैं। चाहे ब्लीडिंग कम या ज्यादा..पौड को तीन से चार घंटे में बदल लेना चाहिए। पैज से बेहतरीन ऑप्शन मेंस्ट्रुअल कप है जिसमें संक्रमण का खतरा कम होता है। तो चलिए अब इससे होने वाली बीमारियों के बारे में जानते हैं।

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पैड न बदलने से बढ़ सकता है इन बीमारियों का खतरा

यूटीआई का खतरा– ज्यादा समय तक एक ही पैड ही पैड का इस्तेमाल यूटीआई का कारण हो सकता है। योनि के आंतरिक हिस्से में संक्रमण फैलकर कई परेशानियों को दावत दे सकता है।

ल्यूकोरिया का खतरा– पैड जल्दी न बदलने से ल्यूकोरिया होने का खतरा रहता है। महिलाओं में ये समस्या वैसे तो आम है लेकिन पैड के संक्रमण से ल्यूकोरिया ज्यादा होने लगता है और फिर महिला खुद को कमजोर महसूस करती है। वजन कम हो जाता है, पीठ के निचले हिस्से में दर्द रहता है।

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कैंसर की वजह– पैड न बदलने का संक्रमण कैंसर और एंडोमेट्रियोसिस का कारण भी हो सकता है। ये दोनों ही स्थिति महिलाओं के लिए ठीक नहीं है और उससे बच्चे करने में भी परेशानी होती है।

स्किन संबधी परेशानी– पैड न बदलने से शरीर के निचले हिस्से में खुजली, बैक्टीरिया के पनपने से संक्रमण, लाल चकते पड़ जाना जैसी परेशानी भी हो सकती है।