नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) ने रियल एस्टेट कंपनी (Real Estate Company) यूनिटेक (Unitech) के पूर्व प्रमोटरों संजय चंद्रा और अजय चंद्रा को जमानत देने से शुक्रवार को इनकार कर दिया, जिन्हें 2017 में घर खरीदने वाले ग्राहकों को धोखा देने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
शीर्ष अदालत ने संजय चंद्रा को तुरंत आत्मसमर्पण करने का भी निर्देश दिया। न्यायमूर्ति डी.वाई. चंद्रचूड़ और एम.आर. शाह ने संजय चंद्रा को दी गई अंतरिम जमानत को रद्द कर दिया और कहा कि वह और उनके भाई अक्टूबर 2017 में तीन न्यायाधीशों की पीठ द्वारा निर्देशित 750 करोड़ रुपये जमा करने में विफल रहे थे। शीर्ष अदालत ने आत्मसमर्पण के लिए दो सप्ताह का समय देने से भी इनकार कर दिया, जिसकी मांग चंद्रा के वकील ने की थी।
शीर्ष अदालत ने दिल्ली पुलिस से कहा कि वह चंद्रा भाइयों द्वारा की गई धोखाधड़ी के सभी पहलुओं की जांच करे, जैसा कि फॉरेंसिक ऑडिटर ग्रांट थॉर्नटन ने जिक्र किया है। न्यायालय ने केंद्र की ओर से पैरवी कर रहे अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल से कहा कि वह एक अलग व्यापक हलफनामा दायर करें, जिसमें जांच एजेंसियों, फॉरेंसिक रिपोर्ट द्वारा उठाए गए कदमों का विवरण दिया जाए।
जुलाई में, शीर्ष अदालत ने यूनिटेक लिमिटेड (Unitech Limited) के प्रमोटर और पूर्व प्रबंध निदेशक संजय चंद्रा को अंतरिम जमानत दी थी, जो तीन साल सलाखों के पीछे रहे हैं।
न्यायाधीश चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने चंद्रा को एक महीने की अवधि के लिए रिहा करने की अनुमति दी थी, क्योंकि उनके माता-पिता दोनों बीमार थे और अस्पताल में भर्ती थे।