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Azam Khan: आजम खान ने बल्ले पर लगाया फिलिस्तीनी झंडा, PCB ने ठोका जुर्माना, फिर कर दिया माफ, तो उठे ऐसे सवाल

Azam Khan: बीते दिनों वर्ल्ड कप फाइलन के मुकाबले के दौरान भी विराट कोहली की बल्लेबाजी के दौरान एकाएक एक फिलिस्तीनी लड़का आ गया था, जिससे विराट की एकाग्रता भी भंग हो गई थी। इसके बाद उस लड़के को पुलिस ने हिरासत में लेकर पूछताछ भी किया था।

नई दिल्ली। क्रिकेट जगत में इन दिनों आजम खान को लेकर चर्चाओं का बाजार गुलजार हो चुका है। आजम खान पाकिस्तानी खिलाड़ी है। बीते दिनों एक घरेलू सीरीज में आजन ने अपने बल्ले में फिलिस्तीन का झंडा लगाया हुआ था, जिसे लेकर पहले तो पीसीबी की ओर से आपत्ति जताई गई। इतना ही नहीं, आजम पर 50 हजार रुपए तक का जुर्माना भी लगाया गया, लेकिन इसके बाद पता नहीं पीसीबी को ऐसा क्या हो गया कि वो आजम पर इस कदर मेहरबान हो गया कि उसने जुर्माना की राशि को माफ कर दिया। उधर, पीसीबी के इस कदम के बाद क्रिकेट जगत में चौतरफा सनसनी मच गई है। लगातार लोगों के जेहन में महज यही सवाल आ रहे हैं कि आखिर आजम खान पर पीसीबी इस कदर क्यों मेहरबान हुआ…आखिर क्या है पूरा माजरा।

दरअसल, बीते दिनों फिलिस्तीनी आतंकी संगठन हमास ने इजराइली नागरिकों पर हमला किया था, जिसमें हमारों लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी। इस हमले के बाद पूरी दुनिया दो गुटों में बंट गई थी। एक गुट ऐसा था, जो कि इजराइल के पक्ष में खड़ा था, तो वहीं दूसरी तरफ एक गुट ऐसा भी था, जो फिलिस्तीन का। वहीं, पाकिस्तान सहित अन्य मुस्लिम देश फिलिस्तीन के समर्थन में खड़े थे। जिसे ध्यान में रखते हुए आजम खान ने अपने बल्ले में समर्थन के रूप में फिलिस्तीन का झंडा लगाया हुआ है।’

ध्यान दें, बीते दिनों वर्ल्ड कप फाइलन के मुकाबले के दौरान भी विराट कोहली की बल्लेबाजी के दौरान एकाएक एक फिलिस्तीनी लड़का आ गया था, जिससे विराट की एकाग्रता भी भंग हो गई थी। इसके बाद उस लड़के को पुलिस ने हिरासत में लेकर पूछताछ भी किया था। हालांकि, पूछताछ के दौरान उससे कोई ऐसी जानकारी प्राप्त नहीं हो सकी थी, जिससे कि किसी नतीजे पर पहुंचा जा सकें, लेकिन आइए जरा इस बीच यह जान लेते हैं कि इन तमाम परिस्थितियों से निपटने के लिए आखिर आईसीसी का नियम क्या कहता है? वहीं, अगर आईसीसी के नियम पर नजर डाले, तो क्रिकेट खेल के दौरान किसी भी राजनीतिक गतिविधियों को अंजाम देने पर पाबंदी लगाई गई है। अगर ऐसा करता हुआ पाया जाता है, तो उसके खिलाफ विधिक कार्रवाई का मार्ग भी प्रशस्त किया जाता है।