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बॉक्सर सतीश यादव ओलंपिक मेडल से एक कदम दूर, लेकिन माथे पर लगे 7 टांके बन सकते हैं पदक की रेस में रोड़ा

Boxer Satish Yadav: सतीश कुमार की पत्नी सविता ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि उनके गांव बिसरख में भी सतीश को लेकर दुआएं की जा रही हैं। गांव में खुशियों का माहौल है। सतीश की जीत और उनकी कामयाबी को लेकर गांव के लोग गर्व महसूस कर रहे हैं।

नई दिल्ली। टोक्यो ओलंपिक 2020 में भारत का आज नौवां दिन है। इस ओलंपिक में भारत को अभी भी कई खिलाड़ियों से मेडल जीतने की उम्मीदें हैं। वहीं मुक्केबाज सतीश कुमार से देश को आस लगी है। वो रविवार को (91 किग्रा वर्ग) क्वार्टर फाइनल मुकाबला खेलेंगे। यह मुकाबाला सतीश कुमार और उजबेकिस्तान के बखोदिर जालोलोव के बीच होगा, जो मौजूदा विश्व और एशियाई चैम्पियन हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि भारत के खाते में एक और मेडल आ सकता है। लेकिन सतीश कुमार के साथ एक चिंता का सबब ये भी है कि उनके माथे पर चोट के चलते सात टांके लग गए हैं। फिलहाल अब सतीश कुमार के खेलने ना खेलने को लेकर डॉक्टरों की राय अहम होगी। Sportskeeda से बातचीत करते हुए बॉक्सिंग के नेशनल कोच ने बताया कि सतीश ने जमैका के मुक्केबाज को जोरदार पटखनी दी थी लेकिन उनके माथे पर लगी चोट गंभीर समस्या बनी हुई है। और यही कारण है कि टोक्यो ओलंपिक के क्वार्टर फाईनल मुकाबले में वो शायद अपना बेहतरीन प्रदर्शन ना दे पायें। बता दें कि सतीश कुमार अगर रविवार को होने वाले में को जीत जाते हैं तो वह सेमीफाइनल में पहुंच जाएंगे। ऐसे में भारत के लिए एक और पदक पक्का कर लेंगे।

वहीं सतीश कुमार के चोट की बात करें तो उनके माथे पर 7 टांके लगे हैं। प्री-क्वार्टर मैच में सतीश कुमार को जमैका के रिकार्डो ब्राउन के खिलाफ ठुड्डी और दाहिनी आंख पर गंभीर चोट लग गई थी। जिसकी वजह से उनके माथे पर सात टांके लगाने पड़े। बॉक्सिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष अजय सिंह ने इसको लेकर कहा, मैं आज ( शनिवार) को सतीश से मिला। डॉक्टर सतीश को अगर खेलने की इजाजत देंगे तो वह रिंग में उतरेंगे।’ माना जा रहा है कि चोट की वजह से सतीश कुमार अपना प्रदर्शन शायद उस तरीके से ना दें पाएं लेकिन फिर भी अभी उम्मीदें बनी हुई हैं।

देश के साथ परिवार भी कर रहा गोल्ड की आशा

वहीं सतीश कुमार से पदक की उम्मीद जहां देश लगाए बैठा है तो वहीं परिवार भी बड़ी आस से उम्मीदें लगाए हुए हैं। बता दें कि रविवार को होने वाले मुकाबले को लेकर सतीश के परिजनों की बड़ी उम्मीदें हैं। परिवार वालों का मानना है कि टोक्यो में गोल्ड मेडल जीतकर अपन वतन भारत लौटेंगे। सतीश भारतीय सेना की 11वीं कुमाऊं रेजीमेंट में बतौर सूबेदार मेजर कार्यरत हैं। और वो ग्रेटर नोएडा वेस्ट की हाउसिंग सोसायटी में रहते है।

वहीं सतीश कुमार की पत्नी सविता ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि उनके गांव बिसरख में भी सतीश को लेकर दुआएं की जा रही हैं। गांव में खुशियों का माहौल है। सतीश की जीत और उनकी कामयाबी को लेकर गांव के लोग गर्व महसूस कर रहे हैं। अब उनसे आगे स्वर्ण पदक की उम्मीदें हैं। सविता ने कहा कि उनका बेटा मीत अभी से ही बॉक्सिंग में हाथ आजमा रहा है। उन्होंने बताया कि हमारा बाकी परिवार बुलंदशहर में ही रह रहा है।

वहीं सतीश की चोट को लेकर सविता थोड़ी परेशान हो उठती हैं। ऐसे में कुछ रिपोर्ट्स का कहना है कि सविता ने अन्न त्याग दिया है। गौरतलब है कि  2018 में भारत सरकार द्वारा अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित के खेलने और उनकी जीत की दुआएं पूरा देश कर रहा है।