newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

MS Dhoni in Uttarakhand: फेमस होने के बाद भी उत्तराखंड के अपने गांव को नहीं भूले हैं धोनी, देखिए पहुंचकर क्या किया

MS Dhoni in Uttarakhand: धोनी उत्तराखंड के कल्चर में दिखे। इस दौरान धोनी बुजुर्गों के पैर छूते हुए भी दिखे। इस बीच धोनी ने पत्नी के साथ अपने पैतृक गांव में यादगार लम्हों के कैमरे में कैद किया। इन फोटो को साक्षी ने अपने इंस्टाग्राम पर भी शेयर किया है।

नई दिल्ली। टीम इंडिया के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की सादगी को लेकर अक्सर सुर्खियों में बने रहते हैं। फेमस होने के बाद भी धोनी उत्तराखंड के अपने गांव को भूले नहीं हैं। करीब 20 बाद बुधवार 19 नवंबर को माही अपने पैतृक गांव अल्मोड़ा के ल्वाली गांव पहुंचे। भारतीय टीम के पूर्व कप्तान को गांव में देखकर हर कोई खुशी से झूम उठा। लोगों के खुशी का ठिकाना नहीं रहा। धोनी से मिलने के लिए गांव में लोगों का तांता लग गया। माही ने भी गांववालों को निराश नहीं किया और उनके साथ ग्रुप फोटो भी खिंचवाई। सोशल मीडिया पर इसका वीडियो भी सामने आया है।

गांव पहुंचने पर लोगों ने जोरदार तरीके से स्वागत किया। इस दौरान माही ने पत्नी साक्षी और दोस्तों संग अपने कुलदेवी समेत 4 मंदिरों में पूजा अर्चना भी की। इस दौरान धोनी ने भारतीय टीम की विश्व कप में जीत की प्रार्थना की। माही ने पत्नी साक्षी संग गांव के बुजुर्गों का आशीर्वाद भी लिया। इसके अलावा धोनी ने बच्चों को क्रिकेट के टिप्स भी दिए। माही ने अपने गांव में करीब 2 घंटे बिताए।

बता दें कि मंगलवार को धोनी पत्नी साक्षी संग नैनीताल पहुंचे। इसके अगले दिन वो अपने पैतृक गांव पहुंचे। वहीं गांव में धोनी को देखकर हर कोई खुश हो गया। अपने बीच धोनी के देख लोग फूले नहीं समा रहे थे। माही ने अपने गांव में गंगा मंदिर, गोलू देवता, देवी माता और नरसिंह मंदिर में पूजा अर्चना की। धोनी उत्तराखंड के कल्चर में दिखे। इस दौरान धोनी बुजुर्गों के पैर छूते हुए भी दिखे। इस बीच धोनी ने पत्नी के साथ अपने पैतृक गांव में यादगार लम्हों के कैमरे में कैद किया। इन फोटो को साक्षी ने अपने इंस्टाग्राम पर भी शेयर किया है।

 

View this post on Instagram

 

A post shared by Sakshi Singh (@sakshisingh_r)

वहीं गांव में मिले सम्मान से धोनी और साक्षी काफी खुश नजर आए। हालांकि सड़क के अभाव के चलते धोनी बेटी जीवा को अपने पैतृक गांव नहीं ला सके। लेकिन उन्होंने जाते-जाते गांव के लोगों से वादा किया कि जब उनकी बेटी बड़ी हो जाएगी तो उसे गांव जरूर लेकर आएंगे। बता दें कि इससे पहले धोनी साल 2003 में अपने पैतृक गांव में आए थे।

 

View this post on Instagram

 

A post shared by Sakshi Singh (@sakshisingh_r)