नई दिल्ली। टीम इंडिया के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की सादगी को लेकर अक्सर सुर्खियों में बने रहते हैं। फेमस होने के बाद भी धोनी उत्तराखंड के अपने गांव को भूले नहीं हैं। करीब 20 बाद बुधवार 19 नवंबर को माही अपने पैतृक गांव अल्मोड़ा के ल्वाली गांव पहुंचे। भारतीय टीम के पूर्व कप्तान को गांव में देखकर हर कोई खुशी से झूम उठा। लोगों के खुशी का ठिकाना नहीं रहा। धोनी से मिलने के लिए गांव में लोगों का तांता लग गया। माही ने भी गांववालों को निराश नहीं किया और उनके साथ ग्रुप फोटो भी खिंचवाई। सोशल मीडिया पर इसका वीडियो भी सामने आया है।
महेंद्र सिंह धोनी अपने पैतृक गांव ल्वाली (अल्मोड़ा, उत्तराखंड) में अपने इष्टदेव की पूजा करते दिखाई दिए। pic.twitter.com/SSoCTpqtP4
— Anuradha Tanwar (@anuradhatanwar1) November 16, 2023
गांव पहुंचने पर लोगों ने जोरदार तरीके से स्वागत किया। इस दौरान माही ने पत्नी साक्षी और दोस्तों संग अपने कुलदेवी समेत 4 मंदिरों में पूजा अर्चना भी की। इस दौरान धोनी ने भारतीय टीम की विश्व कप में जीत की प्रार्थना की। माही ने पत्नी साक्षी संग गांव के बुजुर्गों का आशीर्वाद भी लिया। इसके अलावा धोनी ने बच्चों को क्रिकेट के टिप्स भी दिए। माही ने अपने गांव में करीब 2 घंटे बिताए।
अल्मोड़ा में धोनी @msdhoni #Uttarakhand #Almora pic.twitter.com/nIdPOjIvu5
— Munsyari Tourism (@Munsyari_) November 15, 2023
बता दें कि मंगलवार को धोनी पत्नी साक्षी संग नैनीताल पहुंचे। इसके अगले दिन वो अपने पैतृक गांव पहुंचे। वहीं गांव में धोनी को देखकर हर कोई खुश हो गया। अपने बीच धोनी के देख लोग फूले नहीं समा रहे थे। माही ने अपने गांव में गंगा मंदिर, गोलू देवता, देवी माता और नरसिंह मंदिर में पूजा अर्चना की। धोनी उत्तराखंड के कल्चर में दिखे। इस दौरान धोनी बुजुर्गों के पैर छूते हुए भी दिखे। इस बीच धोनी ने पत्नी के साथ अपने पैतृक गांव में यादगार लम्हों के कैमरे में कैद किया। इन फोटो को साक्षी ने अपने इंस्टाग्राम पर भी शेयर किया है।
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वहीं गांव में मिले सम्मान से धोनी और साक्षी काफी खुश नजर आए। हालांकि सड़क के अभाव के चलते धोनी बेटी जीवा को अपने पैतृक गांव नहीं ला सके। लेकिन उन्होंने जाते-जाते गांव के लोगों से वादा किया कि जब उनकी बेटी बड़ी हो जाएगी तो उसे गांव जरूर लेकर आएंगे। बता दें कि इससे पहले धोनी साल 2003 में अपने पैतृक गांव में आए थे।
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