नई दिल्ली। इंडियन क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी अपना 40वां जन्मदिन मनाने जा रहे हैं। 23 साल की उम्र में भारतीय क्रिकेट टीम का हिस्सा बने महेंद्र सिंह धोनी ने कई खिताब अपने नाम किए। भारतीय टीम में उस समय दिग्गजों की मौजूदगी में उन्हें टीम कप्तान भी बनाया गया। महेंद्र सिंह धोनी के कप्तान रहते हुए टीम इंडिया ने पहला टी20 वर्ल्ड कप, 2011 वर्ल्ड कप, चैंपियंस ट्रॉफी, नंबर वन टेस्ट टीम जैसे कई खिताब हासिल किए। एक क्रिकेटर के अलावा हम धोनी को एक पिता और पति के रूप में ही जानते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि सिर्फ क्रिकेट ही नहीं बल्कि फुटबॉल और बैडमिंटन में भी धोनी मंझे हुए खिलाड़ी हैं। इसके अलावा और भी कई बातें है जो उनके फैन्स के लिए जानना जरूरी है।
महेंद्र सिंह धोनी का जन्म 7 जुलाई 1981 को रांची में हुआ था। जन्म से पहले ही इनका परिवार उत्तराखंड से झारखंड में शिफ्ट हुआ था।
आपको बता दें कि महेंद्र सिंह धोनी का पैतृक गांव लवाली उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले के लामगारहा ब्लॉक में है।
धोनी रांची के ही डीएवी जवाहर विद्या मंदिर स्कूल में पढ़े हुए हैं, वह बहुत ही कम उम्र में स्पोर्ट्स में आ गए।
क्रिकेट से पहले धोनी की दिलचस्पी फुटबॉल और बैडमिंटन में थी। वह क्रिकेट और फुटबॉल में जिला और क्लब लेवल तक खेल चुके हैं।
धोनी एक अच्छे गोलकीपर रहे हैं। उनकी इस प्रतिभा को स्कूल के स्पोर्ट्स टीचर ने पहचाना और उन्हें क्रिकट और विकेटकीपिंग में अपना हाथ आजमाने की सलाह दी।
2001 से 2003 तक धोनी साउथ ईस्टर्न रेलवे में खड़गपुर रेलवे स्टेशन पर टीटीई की नौकरी भी कर चुके हैं।
2003-04 में देवधर ट्रॉफी में धोनी ने ऐसा धमाल मचाया था कि वह छा गए। यहां उन्होंने 4 मैचों में 244 रन बनाए और चयनकर्ताओं का ध्यान अपनी ओर खींचा।
शीश महल टूर्नामेंट में सेंट्रल कोयला फील्ड्स लिमिटेड के लिए खेलते समय धोनी को अपने कोच से हर छक्के के लिए 50 रुपये मिलते थे।
2003-04 के घरेलू वनडे टूर्नामेंट में धोनी ने ऐसा धमाल मचाया कि उन्हें सीधे इंडिया-ए टीम में चुन लिया गया।