नई दिल्ली। सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) भारतीय इंडिया के सबसे सफल कप्तानों में गिने जाते हैं। उनकी कप्तानी में टीम इंडिया ने कई मैच और सीरीज जीती है। बता दें कि साल 1996 में सौरव गांगुली ने टेस्ट डेब्यू किया था। दादा नाम से मशहूर सौरव गांगुली ने अपने पहले ही मैच में इंग्लैंड के खिलाफ लॉर्ड्स में शतक ठोका था। लेकिन सौरव गांगुली को पहले ही मैच में अंग्रेज खिलाड़ियों के स्लेजिंग का शिकार होना पड़ा था। गांगुली का डेब्यू टेस्ट मैच 20 से 24 जून के बीच खेला गया था। उस वक्त भारत के कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन थे जबकि इंग्लैंड के माइक अथर्टन। बता दें कि सौरव गांगुली भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के अध्यक्ष हैं।
बीबीसी के वरिष्ठ पत्रकार रेहान फजल ने वह मैच लाइव देखा था। उन्होंने बीबीसी न्यूज हिंदी के शो ‘खेल के किस्से’ में मैच के बारे में कई रोचक जानकारियां दी। साथ ही उन्होंने ये भी बताया की सौरव दादा को अपने पहले ही मैच में ही स्लेजिंग का शिकार होना पड़ा था। फजल ने बताया, ‘भारत के लिए दिनेश मोंगिया और विक्रम राठौर ओपनिंग करने उतरे थे। दोनों बहुत ज्यादा रन नहीं बना सके थे। गांगुली तीसरे नंबर पर उतरे थे। इंग्लैंड के एलेक स्टीवर्ट ने आते ही उन्हें स्लेज किया। स्टीवर्ट ने सोचा कि इनका टेस्ट किया जाए कि ये टेस्ट क्रिकेट खेल पाएंगे या नहीं। इसके बाद इंग्लैंड के खिलाड़ियों ने स्लेजिंग की।’
उन्होंने आगे कहा, जब दूसरे दिन का खेल समाप्त हुआ तो गांगुली 26 रन बनाकर नॉटआउट थे। जब तीसरे दिन उतरे तो लंच तक वे 65 रन पर नॉटआउट थे। वे लंच रूम में भी नहीं गए थे। उन्होंने लंच इसलिए नहीं किया कि उनका ध्यान भंग हो सकता है। गांगुली ने 131 रन बनाए। जैसे ही शतक लगा सभी दर्शकों ने खड़े होकर तालियां बजाईं। जब वे आउट होकर पवेलियन लौट रहे थे तो लॉर्डस के मेंबर्स स्टैंड के बगल से गुजर रहे थे। सारे मेंबर्स ने खड़े होकर उनका अभिवादन किया था। गांगुली ने इसके बाद ट्रेंटब्रिज टेस्ट में भी शतक लगाया था।’’